भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और कांग्रेस सरकार पर लगे आरोप
हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद को लंबे समय से दुनिया की वैक्सीन राजधानी कहा जाता रहा है। यह राज्य एक जीवंत जीवन विज्ञान केंद्र और एक बेहद सफल चिकित्सा उपकरण (medical device) पार्क का भी घर है। ‘मेड इन तेलंगाना’ (Made in Telangana) स्टेंट और कैथेटर 89 देशों को निर्यात किए जा रहे हैं, साथ ही राज्य देश से फार्मा निर्यात में भी प्रमुख योगदानकर्ता है। लेकिन फिर भी, केंद्र को नहीं लगता कि तेलंगाना और ज़्यादा मदद के लायक है। सबूत? कई सालों से, तेलंगाना केंद्र सरकार से बार-बार राज्य को एक बल्क ड्रग पार्क आवंटित करने की माँग करता रहा है।
पूर्व उद्योग मंत्री ने लगाए गंभीर आरोप
फार्मा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी होने के बावजूद, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इन अपीलों को नजरअंदाज करना चुना और इसके बजाय बल्क ड्रग पार्कों को बढ़ावा देने की योजना के तहत आंध्र प्रदेश में नक्कापल्ली, गुजरात में भरूच और हिमाचल प्रदेश में ऊना के लिए ग्रीनफील्ड बल्क ड्रग पार्क परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। पूर्व उद्योग मंत्री के.टी. रामा राव , जो स्पष्ट रूप से इससे परेशान थे, ने 2022 में कहा था कि तेलंगाना की बजाय आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गुजरात का चयन मोदी सरकार की भेदभावपूर्ण राजनीति की पहचान है। यह भेदभाव समझ से परे है, खासकर इसलिए क्योंकि दुनिया भर की कई कंपनियां, जो जेनेरिक और सक्रिय दवा सामग्री बनाती हैं, ने तेलंगाना को अपना ठिकाना बना लिया है।
राज्य के फार्मा क्षेत्र के विकास को रोकने में निभाई थी भूमिका
राज्य में एक ही प्रांत में दुनिया की सबसे ज़्यादा 214 यूएसएफडीए-अनुमोदित सुविधाएँ हैं, जो न्यू जर्सी के 189 से भी ज़्यादा हैं। तेलंगाना 150 से ज़्यादा देशों को टीके और दवा उत्पाद निर्यात करता है, यह एक ऐसा आँकड़ा है जिसकी बराबरी कोई और राज्य नहीं कर सकता, चाहे वह आंध्र प्रदेश हो, गुजरात हो या हिमाचल प्रदेश। यदि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राज्य के फार्मा क्षेत्र के विकास को रोकने में इसी तरह भूमिका निभाई थी, तो 2023 में यहां सत्ता में आने वाली कांग्रेस सरकार भी इससे अलग नहीं रही है, जैसा कि प्रतिष्ठित फार्मा सिटी परियोजना के साथ जो हो रहा है या नहीं हो रहा है, उससे स्पष्ट है।
वैक्सीन क्या है?
प्रतिरक्षा प्रणाली को किसी विशेष रोग के खिलाफ सक्रिय और सुरक्षित बनाने के लिए तैयार किया गया जैविक पदार्थ वैक्सीन कहलाता है। यह शरीर में एंटीबॉडी उत्पन्न कर रोगजनकों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। अधिकांश टीके वायरस या बैक्टीरिया के निष्क्रिय या कमजोर संस्करणों से बनाए जाते हैं।
वैक्सीन का जनक कौन था?
टीके का जनक एडवर्ड जेनर को माना जाता है। उन्होंने 1796 में चेचक (smallpox) के खिलाफ पहला प्रभावी टीका विकसित किया। उनके प्रयोगों ने आधुनिक टीकाकरण प्रणाली की नींव रखी और आज की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों में क्रांति ला दी।
Covishield के निर्माता कौन हैं?
Covishield वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के सहयोग से तैयार किया। यह एक वायरल वेक्टर आधारित टीका है, जिसे COVID-19 के खिलाफ बड़े पैमाने पर भारत और अन्य देशों में इस्तेमाल किया गया।
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