ट्रेड यूनियनों ने की एससीसीएल की आलोचना
मंचेरियल। शुक्रवार को मंडमरी (Mandamarri) में केके भूमिगत खदान (Underground Mine) में काम करते समय एक युवा कोयला खनिक की उस समय मौत हो गई जब उस पर एक दीवार गिर गई। कोयला खनन मशीन चला रहे राचापल्ली श्रवण कुमार (32) को साइडवॉल गिरने से गंभीर चोटें आईं। उन्हें पहले रामकृष्णपुर के एक अस्पताल ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें करीमनगर के एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
इस घटना से ट्रेड यूनियनों में आक्रोश फैल गया है, जिन्होंने सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने एससीसीएल अधिकारियों पर भूमिगत परिचालन में बुनियादी सुरक्षा उपायों को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसी चूकों के कारण बार-बार घातक दुर्घटनाएं हो रही हैं। यूनियनों ने भूमिगत खदानों में काम करने वाले खनिकों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की, ताकि आगे और अधिक त्रासदियों को रोका जा सके।

कोयला खनिज कहाँ पाया जाता है?
भारत में कोयला खनिज मुख्यतः झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश राज्यों में पाया जाता है। इनमें झारखंड का झरिया और ओडिशा का तालचेर क्षेत्र कोयले के सबसे बड़े भंडारों में गिने जाते हैं।
कोयले का रासायनिक सूत्र क्या है?
कोयला मुख्यतः कार्बन (C) तत्व से बना होता है, लेकिन इसमें हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और सल्फर भी कम मात्रा में पाए जाते हैं। इसका कोई निश्चित रासायनिक सूत्र नहीं होता क्योंकि यह एक प्राकृतिक मिश्रण है, परन्तु मुख्य घटक C (कार्बन) ही होता है।
भारत में प्रथम कोयला खान कहाँ खोदी गई थी?
भारत की पहली कोयला खान 1774 में रानीगंज (पश्चिम बंगाल) में खोदी गई थी। इसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने शुरू किया था। रानीगंज कोयला क्षेत्र भारतीय कोयला उद्योग का प्रारंभिक केंद्र माना जाता है और यह आज भी उत्पादन में सक्रिय है।
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