Hyderabad Ka Moti: हैदराबाद, ‘मोतियों का शहर’, निजामों के लक्ज़री जीवनशैली और कला प्रेम के कारण प्रसिद्ध है. चांदापेट गांव मोती प्रोसेसिंग का केंद्र है. पाथरगट्टी और हुसैन सागर लेक रोड पर मोती आभूषण मिलते हैं।
हैदराबाद. हैदराबाद एक ऐसा शहर है जो समुद्र से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित है. इसके बावजूद यह शहर मोतियों का शहर नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध है. हैदराबादी मोतियों के आभूषणों की चमक और खूबसूरती आज भी वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र है. बिरयानी और नवाबी तहजीब के लिए मशहूर इस शहर की पहचान मोतियों से भी जुड़ी हुई है।
इतिहासकार जाहिद सरकार के अनुसार हैदराबाद को मोतियों की नगरी बनाने का श्रेय निजामों को जाता है। 18वीं से 20वीं सदी तक शासन करने वाले इन नवाबों को लक्ज़री जीवनशैली और कला प्रेम के लिए जाना जाता था. निजाम अपनी बेगमों को अक्सर नायाब मोतियों के आभूषण उपहार में देते थे. वे विदेशी मोतियों का भी कलेक्शन किया करते थे. यही शौक शहर को मोती व्यापार का प्रमुख केंद्र बनाने में सहायक बना।
चांदापेट गांव, मोतियों की धड़कन
हैदराबाद के पास स्थित चांदापेट गांव कभी मोती निकलने और उन्हें प्रोसेस करने का केंद्र हुआ करता था. यहां के कारीगर पीढ़ियों से मोतियों को छेदने और चमकदार बनाने की कला में पारंगत हैं. मोतियों को पहले चार दिन तक उबाला जाता है. फिर उन्हें हाइड्रोजन पेरोक्साइड से विशेष उपचार दिया जाता है. इसके बाद उन्हें पांच दिन तक धूप में सुखाया जाता है और अंत में आकार के अनुसार छांटा जाता है।
हैदराबादी मोतियों की चमक ने दुनिया को आकर्षित किया
आज भी हैदराबाद मोती के आभूषणों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यहां के कारीगरों द्वारा बनाए गए हार, कंगन और अन्य आभूषणों की मांग विदेशों में भी है. इस शिल्प ने हैदराबाद को न केवल भारत बल्कि वैश्विक मोती व्यापार में भी एक खास स्थान दिलाया है।
खरीदारी से पहले जानें ये बातें
पाथरगट्टी इलाका यहां के सबसे पुराने और प्रसिद्ध मोती व्यापारियों के लिए जाना जाता है. चारमीनार के आसपास छोटे दुकानदारों की कई दुकानें हैं. वहीं हुसैन सागर लेक रोड पर आधुनिक शोरूम मौजूद हैं जो मोती आभूषणों के लिए मशहूर हैं. जानकार बताते हैं कि असली मोती को रगड़ने पर थोड़ी सी धूल निकलती है जबकि नकली मोती बिल्कुल गोल और चिकने होते हैं. हैदराबाद आने वाले पर्यटकों के लिए यहां से मोती खरीदना एक खास अनुभव होता है।