गाजा संकट: अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक नई स्कीम के तहत गाजा पट्टी से करीब 10 लाख फिलिस्तीनियों को लीबिया में बसाने पर विचार कर रहे हैं। एक प्रतिवेदन के मुताबिक, NBC न्यूज ने दावा किया है कि ट्रंप प्रशासन इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है और लीबिया की नेतृत्वकारी इकाइयों से इस संबंध में वार्तालाप भी हुई है।
धनराशि जारी करने की शर्त
प्रतिवेदन में कहा गया है कि अमेरिका लीबिया को अरबों डॉलर की आर्थिक सहायता देने की मुस्तैदी में है, जो पहले रोक दी गई थी। यह सहायता केवल इसी शर्त पर दी जाएगी कि लीबिया फिलिस्तीनी शरणार्थियों को स्थायी रूप से बसाने के लिए सहमत हो।
सरकारी इनकार और असहमति
हालांकि, इस योजना को लेकर अमेरिका और लीबिया दोनों ही सरकारों ने इनकार किया है।
- अमेरिकी अधिकारी ने NBC को कहा कि “ऐसी कोई योजना जमीनी स्तर पर नहीं बनाई गई है और यह अव्यवहारिक है।”
- वहीं, लीबिया की राष्ट्रीय एकता सरकार ने कहा कि “हमारे प्रदेश का उपयोग किसी भी निर्वासन योजना के लिए हमारी अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता।”

हमास और फिलिस्तीनी नेताओं की प्रतिक्रिया
हमास के वरिष्ठ अधिकारी बासेम नईम ने इस योजना को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा:
“फिलिस्तीनी अपनी मातृभूमि से गहरे जुड़े हैं और वे अपनी ज़मीन नहीं छोड़ेंगे। हम किसी भी कीमत पर अपनी जमीन की रक्षा करेंगे।”
पृष्ठभूमि और ट्रंप की सोच
- 2023 के अक्टूबर में हमास के आक्रमणों के बाद इज़रायल (israel) द्वारा आरंभ किए गए सैन्य अभियान से गाजा में मानवीय संकट और गहराया।
- ट्रंप ने पहले भी सुझाव दिया था कि गाजा के निवासियों को मिस्र, जॉर्डन या अन्य अरब देशों में भेजा जाए, जिसे अरब देशों ने सिरे से खारिज कर दिया।
- जनवरी 2025 में ट्रंप ने फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद “लाखों प्रवासियों को निर्वासित करने” की बात कही थी।