ISS Mission: अमेरिकी राजनीति में तेज़ होती बयानबाज़ी के बीच भारतीय अंतरिक्ष जगत के लिए एक ऐतिहासिक मिशन (ISS Mission) सुर्खियों में है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला-स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क के बीच बढ़ती तकरार अब अंतरिक्ष से जुड़े सरकारी अनुबंधों तक जा पहुंची है।
ट्रंप ने मस्क की कंपनियों से सब्सिडी और सरकारी अनुबंध खत्म करने की चेतावनी दी है,
जिससे SpaceX पर असर पड़ सकता है। लेकिन हिन्दुस्थान के लिए अच्छी समाचार ये है कि इस विवाद का ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के मिशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय अधिकारी हैं, जो शीघ्र ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की उड़ान भरने जा रहे हैं।
ये मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक होगा क्योंकि 1984 में राकेश शर्मा के बाद वह ISS पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे।

Axiom 4 मिशन और शुभांशु की भूमिका
Axiom Space नाम की कंपनी इस मिशन का संचालन कर रही है और शुभांशु इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे।
उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री होंगे और सभी का लक्ष्य होगा धरती से 400 किलोमीटर ऊपर स्थित ISS तक पहुंचना।
सात वैज्ञानिक प्रयोगों की योजना
यह टीम वहां 14 दिन बिताएगी और भारत के लिए 7 महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग भी करेगी,
जिससे ISRO के गगनयान मिशन को भी अहम अनुभव मिलेगा।
ISRO, NASA और SpaceX का यह संयुक्त प्रयास भारत की अंतरिक्ष तकनीक को एक नया आयाम देगा।
ट्रंप-मस्क विवाद का कोई असर नहीं
Axiom Space के सूत्रों के मुताबिक, शुभांशु शुक्ला का मिशन पूरी तरह से ट्रंप-मस्क विवाद से अप्रभावित है।
सभी वैज्ञानिक और तकनीकी तैयारियां पूरी हैं और टीम फिलहाल कैनेडी स्पेस सेंटर में क्वॉरंटीन में है।