ईरान और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील पर हो रही परोक्ष वार्ता एक बार फिर टल गई है। रोम में होने वाले इस चौथे दौर की संवाद को ओमान की मध्यस्थता में वर्तमान मुलतवी कर दिया गया है। इसके तुरंत बाद अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान और उससे तेल ग्राहको वाले देशों पर कठोर बयान दे डाला।
ट्रंप की धमकी: “तेल खरीद बंद करो, वरना मंज़ूरी झेलो”
डोनाल्ड ट्रंप ने 1 मई को अपने सोशल मीडिया मंच ‘सत्य’ पर लिखा:
“ईरानी तेल या शैल-रसायन की सभी खरीद अब बंद होनी चाहिए! जो भी देश या इंसान ईरान से तेल खरीदेगा, उसे अमेरिका सेकेंडरी सैंक्शन का सामना करना होगा।”
यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और वार्ता का अगला दौर अनिर्दिष्ट समय के लिए टल चुका है।
वार्ता क्यों थमना ?
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बघई ने बताया कि वार्ता को इस सप्ताह रोम में पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अंकुरना राजनयिक अवस्थाएं चलते स्थगित किया गया है। वेटिकन अगले सप्ताह नए पोप के चुनाव में व्यस्त रहेगा। इससे पहले दो दौर की संवाद ओमान की राजधानी मस्कट में हो चुकी है।
अमेरिका की नियम और ईरान की प्रत्युत्तर
अमेरिका की मांग है कि ईरान अपने न्यूक्लियर कार्यक्रम को सीमित करे और हथियार-ग्रेड यूरेनियम के उत्पादन से पीछे हटे। बदले में अमेरिका कुछ अवरोध में छूट देने को तैयार है। वहीं ईरान ने साफ कहा है कि वह कूटनीति के ज़रिए अपने वैध अधिकारों की रक्षा करेगा।

ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और अमेरिका की मध्यपूर्व दूत स्टीव विटकॉफ इस वार्ता की अगुवाई कर रहे हैं।
ट्रंप की मुखर रणनीति
डोनाल्ड ट्रंप ने इशारा किया है कि अगर डील नहीं होती, तो अमेरिका ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को सैन्य अभियान से निशाना बना सकता है। इस बयान ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परेशानी को और बढ़ा दिया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 2015 में ईरान और अंतर्राष्ट्रीय शक्तियों के बीच एक ऐतिहासिक न्यूक्लियर सुलह हुआ था। लेकिन 2018 में ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए अमेरिका को इस समझौता से बाहर कर दिया था, जिसके बाद से रिश्तों में कटुता बनी हुई है।