स्टार कछुआ: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में स्थित प्रसिद्ध श्रीकुरम देवालय में बीते कुछ दिनों से दुर्लभ स्टार कछुओं की रहस्यमयी मृत्यु हो रही थीं। कहा जा रहा है कि देवालय के कर्मचारियों ने इन मौतों की खबर वन विभाग को दिए बिना गुप्त रूप से कछुओं को जला दिया, जिससे स्थानीय और वन्यजीव प्रेमियों में गहरी नाराज़गी देखी गई।
100 बीमार कछुओं को विशाखापत्तनम चिड़ियाघर भेजा गया
घटना की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग और पशु चिकित्सा अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की। श्रीकुरम देवालय से 100 बीमार कछुओं को विशाखापत्तनम के इंदिरा गांधी चिड़ियाघर में स्थानांतरित किया गया। बताया गया है कि इन कछुओं में फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के लक्षण मिले हैं, और कुछ के मुंह से झाग निकल रहा था।
चिड़ियाघर में मेडिकल देखरेख में कछुओं का इलाज
स्टार कछुआ: विशाखापत्तनम के पशु बचाव केंद्र में विशेष डॉक्टरों की निगरानी में इन कछुओं का चिकित्सा जारी है। चिड़ियाघर अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 100 कछुओं को सफलतापूर्वक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और वे रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।

मंदिर में जगह की कमी बनी कारण
मंदिर अधिकारियों का कहना है कि प्राचीन समय से कछुए यहां सुरक्षित रहते आए हैं, लेकिन जगह की भारी कमी और देखरेख की सुविधाओं के अभाव में अब उनकी सुरक्षा मुश्किल हो रही है। वर्तमान में देवालय परिसर में 211 कछुए मौजूद हैं, जिनकी निगरानी वन विभाग द्वारा की जा रही है।
वन विभाग और मंदिर प्रशासन मिलकर करेंगे समाधान
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि देवालय में रहने वाले कछुओं की सुरक्षा के लिए बड़ा और सुरक्षित स्थान आवश्यक है। देवालय प्रशासन और सरकार के बीच इस दिशा में संवाद आरंभ हो चुका है।