वैशाख मास की अमावस्या हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा, तर्पण, दान और स्नान का महत्व है। साथ ही, यह दिन विशेष मुहूर्तों के लिए भी जाना जाता है।
तिथि: 27 अप्रैल 2025, रविवार
अमावस्या का आरंभ: 27 अप्रैल 2025, प्रातः 04:49 बजे
अमावस्या का समापन: 28 अप्रैल 2025, मध्यरात्रि 01:00 बजे
भगवान विष्णु के प्रिय मास वैशाख मास की अमावस्या तिथि का महत्व धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना गया है। वैशाख मास की अमावस्या 27 अप्रैल को है। इस दिन भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से आपको विशेष लाभ होता और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वैशाख अमावस्या पर स्नान, दान और पूजा करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से आपको मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। अभी वैशाख का महीना चल रहा है, इसलिए इस अमावस्या को वैशाख अमावस्या कहते हैं।
वैशाख अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त
साल 2025 में वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, यह तिथि 27 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी और 28 अप्रैल को सुबह 1 बजे तक रहेगी। उदया तिथि 27 अप्रैल को होने के कारण, अमावस्या इसी दिन मनाई जाएगी। रविवार को अमावस्या तिथि का होना शास्त्रों में शुभ माना जाता है।
वैशाख अमावस्या का महत्व
वैशाख अमावस्या तिथि को पितरों को याद करने का विशेष महत्व है। इस दिन लोग पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण करते हैं। ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत अच्छा माना जाता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा मंत्रों के साथ करनी चाहिए। साथ ही, पवित्र नदियों में स्नान करके गरीबों को दान देना चाहिए। ऐसा करने से धन-धान्य बढ़ता है।