पिता की असमय मृत्यु के बाद भावुक वापसी
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी Vijay Rupani के बेटे अपने पिता के आकस्मिक निधन की सूचना मिलते ही विदेश से भारत लौट आए हैं। उन्होंने शव की पहचान के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
DNA जांच से होगी शव की पुष्टि
शव की स्थिति पहचान में बाधा बनी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शव की स्थिति ऐसी है कि उसकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। इसीलिए वैज्ञानिक पद्धति — DNA परीक्षण — के जरिए पहचान की पुष्टि की जाएगी।
गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए प्लेन हादसे में 241 लोगों की जान चली गई थी. हादसे के दो दिन बाद भी शवों की पहचान नहीं हो सकी है. इसके पीछे की वजह शवों का बुरी हालत में जला होना है. यही कारण है कि मेडिकल टीम को शवों की पहचान के लिए DNA टेस्ट कराना पड़ा रहा है. इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी Vijay Rupani की भी मौत हुई थी. उनके शव की पहचान के लिए बेटे ऋषभ रूपाणी गांधीनगर पहुंच गए हैं।
विजय रूपाणी के बेटे ऋषभ रूपाणी गांधीनगर पहुंच चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि वे किसी भी वक्त अस्पताल जाकर DNA सैंपल दे सकते हैं. ताकि शव पहचान जल्दी ही की जा सके. हादसे को 2 दिन बीत चुके हैं. कुछ लोगों की पहचान हो चुकी है जिसके बाद उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अब तक 7 शवों की शिनाख्त हो गई है।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के पुत्र ऋषभ रूपाणी DNA टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल देने सुबह 11 बजे बीजे मेडिकल कॉलेज स्थित कासटी भवन आएंगे।
सिविल अस्पताल में DNA सैंपलिंग जारी
- सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम रूम के बाहर परिजन शव मिलने का इंतजार कर रहे हैं. तो दूसरी तरफ परिजनों को अपनों की पहचान का इंतजार है. सिविल अस्पताल में DNA सैंपलिंग जारी है. मेडिकल अधिकारियों की मानें तो अब तक 241 लोगों की DNA प्रक्रिया पूरी होने वाली है. जैसे ही DNA रिपोर्ट सामने आती है. उनके परिजनों को शव सौंप दिए जाएंगे. मृतक के परिजनों और सैंपल लेने आने वाले डॉक्टरों के अलावा किसी और को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।
पीएम मोदी ने की थी विजय रूपाणी के परिवार से मुलाकात
- पीएम मोदी ने बीते दिन शुक्रवार को गांधीनगर में विजय रूपाणी के परिवार से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद उन्होंने X पर लिखा- यह कल्पना करना भी मुश्किल है कि विजयभाई अब हमारे बीच नहीं हैं. मैं उन्हें दशकों से जानता था. हमने साथ मिलकर काम किया, कंधे से कंधा मिलाकर, कई मुश्किल दौरों में भी. विजयभाई विनम्र और मेहनती थे, और पार्टी की विचारधारा के प्रति पूरी तरह समर्पित थे. उन्होंने संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियां निभाईं और बाद में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में ईमानदारी से सेवा की।