रेल के बाद पटना में जल्द वॉटर मेट्रो चलेगी। केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पटना को जलमार्ग क्षेत्र के हब के रूप में विकसित करने और यहां गंगा नदी में वाटर मेट्रो शुरू करने की घोषणा की है।
केंद्रीय पत्तन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पटना को जलमार्ग क्षेत्र के हब के रूप में विकसित करने और यहां गंगा नदी में वाटर मेट्रो शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बिहार में जलमार्ग को विकसित करने की संभावना तलाशने को एक माह के भीतर टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। उधर, जल मार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, वाटर मेट्रो के लिए फिजिबिलिटि रिपोर्ट तैयार की जा रही है। डेढ़-दो सालों में यह सेवा शुरू होने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने सोमवार को यहां ज्ञान भवन में जल मार्ग मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यशाला में ये घोषणाएं कीं।
अभी राज्य में 479 करोड़ की योजनाओं पर काम हुआ है
सोनोवाल ने कहा कि गंगा, सोन, गंडक और कोसी नदी में जलमार्ग की संभावनाओं का पता लगाने को गठित किये जाने वाले टास्क फोर्स में जलमार्ग मंत्रालय, अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ ही बिहार सरकार के अधिकारी भी होंगे। उसकी रिपोर्ट पर केंद्र सरकार अमल करेगी। उन्होने कहा कि पटना में अवस्थित एनआईएनआई कार्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर विकसित किया जाएगा। 16 और जेटी बनेंगे। बिहार में जलमार्ग की असीम संभावनाएं हैं। अभी राज्य में 479 करोड़ की योजनाओं पर काम हुआ है। अब पटना में 50 करोड़ की लागत से शिप रिपेयर केंद्र खोला जाएगा।
गंडक और कोसी नदी में जलमार्ग विकसित होगा
अरबन वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम करने का प्रस्ताव है। छह करोड़ की लागत से आरओ-पैक्स टर्मिनल विकसित होगा। गंडक और कोसी नदी में जलमार्ग विकसित होगा। इसके लिए डीपीआर बनाई जाएगी। त्रिवेणी घाट पर चार करोड़ की लागत से दो जेटी बनाया जाएगा। आपको बता दें वाटर मेट्रो एक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है जो इलेक्ट्रिक बोट्स का उपयोग करके पानी के ऊपर चलती है। देश में पहली वाटर मेट्रो केरल के कोच्चि में शुरू किया गया है। 25 अप्रैल, 2023 को इसकी शुरुआत की गई थी। इसमें 78 इलेक्ट्रिक बोट्स का बेड़ा है और यह दस द्वीपों को जोड़ती है।
Read more: Report : बिहार में घटा सेक्स रेशियो, 1000 लड़कों पर महज 891 लड़कियां