Gujrat : ‘आतंकवाद के कांटे को निकालकर ही रहेंगे’ : पीएम मोदी

By Anuj Kumar
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आतंकवाद

गांधीनगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शरीर कितना भी सेहतमंद क्यों न हो, अगर कांटा चुभता है तो पूरे शरीर को दर्द होता है। इसलिए हमने तय कर लिया कि उस कांटे को निकाल कर ही दम लेंगे। आतंकवादियों ने जब पीओके पर अवैध कब्जा किया, अगर उसी दिन उन मुजाहिद्दीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता तो आज ये हालात न होते।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है। उन्होंने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में 5,536 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान और आतंकवादियों पर करारा हमला बोला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं दो दिन से गुजरात में हूं। कल वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज गांधीनगर में हूं।

अपार प्रेम और देशभक्ति का ज्वार देखने को मिल रहा है : मोदी

मैं जहां-जहां गया वहां गर्जना करता सिंदूरिया सागर और लहराता तिरंगा जन-जन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम और देशभक्ति का ज्वार देखने को मिल रहा है। ये दृश्य सिर्फ गुजरात में नहीं है, हिंदुस्तान के कोने-कोने में है, हर हिंदुस्तानी के दिल में है। यह देखने लायक दृश्य था, यह अविस्मरणीय दृश्य था…’

बोले पीएम मोदी

  • ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर पीएम मोदी की पाकिस्तान को चेतावनी
  • गांधीनगर के महात्मा मंदिर में 5,536 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं दो दिन से गुजरात में हूं। कल वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज गांधीनगर में हूं
  • मैं जहां-जहां गया वहां गर्जना करता सिंदूरिया सागर और लहराता तिरंगा जन-जन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम और देशभक्ति का ज्वार देखने को मिल रहा है

हमने तय किया है कि कांटा निकालना ही होगा

पीएम मोदी ने कहा कि शरीर चाहे कितना भी मजबूत या स्वस्थ क्यों न हो, एक भी कांटा लगातार दर्द दे सकता है। इसलिए हमने तय किया है कि कांटा निकालना ही होगा। विभाजन के दौरान, मां भारती दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया। उसी रात मुजाहिदीन द्वारा कश्मीर पर पहला आतंकी हमला किया गया। अगर उन्हें तब खत्म कर दिया गया होता, तो 75 साल की ये पीड़ा टाली जा सकती थी।

सरदार पटेल चाहते थे कि जब तक पीओके हमें वापस न मिल जाए, सेना वापस नहीं आनी चाहिए

सरदार पटेल चाहते थे कि जब तक पीओके हमें वापस न मिल जाए, सेना वापस नहीं आनी चाहिए, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। ये मुजाहिद्दीन के मुंह में खून लग गया था। ये सिलसिला 75 सालों से चल रहा है। पहलगाम भी उसी का हिस्सा था। पाकिस्तान के साथ जब-जब युद्ध की नौबत आई, हर बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान के धूल चटा दी। पाकिस्तान समझ गया कि लड़ाई में वह भारत से जीत नहीं सकता। इसीलिए उसने प्रॉक्सी वॉर का सहारा लिया।्र

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