योग की ग्लोबल ब्रांडिंग (Global Branding) से देश में वेलनेस टूरिज्म (Welness Tourism) को बड़ा विस्तार मिला है। देश में नई अर्थव्यवस्था खड़ी हुई है। भारत में योग और ध्यान सेवा बाजार 2025 समाप्त होने तक 81.7 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
भारत की प्राचीन ध्यान योग परंपरा ने देश ही नहीं, दुनिया को भी नई इंडस्ट्री दी है। मोदी सरकार की ओर से योग की ग्लोबल ब्रांडिंग से देश में वेलनेस टूरिज्म को बड़ा विस्तार मिला है। देश में नई अर्थव्यवस्था खड़ी हुई है। कर्नाटक, केरल, गोवा, हिमाचल, उत्तराखंड जैसे क्षेत्र योग-पर्यटन के प्रमुख केंद्र बन चुके हैं, जहां विदेशी नागरिक भारत की प्राचीन चिकित्सा और योग परंपराओं का लाभ लेने आ रहे हैं।
81.7 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है योग की इकॉनमी
फ्यूचर मार्केट इनसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में योग और ध्यान सेवा बाजार 2025 समाप्त होने तक 81.7 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। 2035 तक यह आंकड़ा बढ़कर 155.2 अरब डॉलर हो सकता है। यह क्षेत्र हर साल लगभग 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। इमर्जिंग मार्केट रिसर्च की रिपोर्टके मुताबित, 2024 से 2032 के बीच ग्लोबल योग मार्केट हर साल 9 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकता है। वर्ष 2023 में इसका वैश्विक आकार 115.43 अरब डॉलर था, जो 2032 तक बढ़कर 250.70 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
भारत में योग का बाजार
इक्वेंटिंस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वेलनेस मार्केट की वैल्यू 490 अरब रुपए है, जिसमें योग स्टूडियो और फिटनेस सेंटर 40 फीसदी हिस्सा रखते हैं। अगले तीन साल में यह बाजार 20 फीसदी की रफ्तार से बढ़कर 875 अरब रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।
सर्कुलर इकोनॉमी को लाभ
योग की लोकप्रियता ने इससे जुड़े उत्पादों योगा मैट, कुशन, परिधान आदि की मांग भी तेजी से बढ़ाई है। अब कई कंपनियां इन उत्पादों को रिसाइकिल्ड मैटेरियल से बना रही हैं, जिससे यह क्षेत्र सर्कुलर इकोनॉमी को भी मजबूती दे रहा है। इससे न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, बल्कि टिकाऊ कारोबार की नई राहें भी खुल रही हैं।
भारत का सॉफ्ट पॉवर बना योग
भारत ने योग को एक सॉफ्ट पॉवर के रूप में दुनिया के सामने पेश करने में सफलता हासिल की है। मोदी सरकार की पहल पर दुनिया ने 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाना शुरू किया, तब से भारत का वैश्विक स्तर पर कद बढ़ा है।
भारत आकर लाभ उठा रहे विदेशी
कोविड-19 महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया ठहर गई थी, भारत के वेलनेस टूरिज्म पर भी बुरा असर पड़ा था। तब 1.83 लाख अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की गिरावट आई थी।
लेकिन 2022 में सेक्टर के फिर से अच्छे दिन शुरू हुए और 4.75 लाख विदेशी पर्यटकों ने वेलनेस टूरिज्म के लिए भारत का रुख किया। 2023 से हर साल 5 लाख से अधिक विदेशी योग और ध्यान के लिए भारत आ रहे हैं।
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