पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के मद्देनजर पूरा देश हाई अलर्ट पर है। भारतीय सेना सीमा पर बहादुरी से खड़ी है। उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने स्पष्ट किया कि इस समय नैतिक समर्थन की सबसे अधिक जरूरत है । उन्होंने जन सेना पार्टी की ओर से सैनिकों के लिए विशेष प्रार्थना करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना न्यायपूर्ण युद्ध लड़ रही है और यह एक उचित युद्ध है। उन्होंने प्रत्येक भारतीय से इन नायकों का समर्थन करने का आग्रह किया। इस अवसर पर पवन कल्याण ने पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए।
देश के प्रसिद्ध मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जानी चाहिए। जन सेना के विधायक और कार्यकर्ता इस मंगलवार से तमिलनाडु के प्रसिद्ध मंदिरों में भाग लेंगे।
भारतीय सेना के समर्थन में पवन कल्याण की विशेष अपील
तिरुत्तनी, तिरुचेंदूर, पलानी, तिरुपरनकुन्द्रम, स्वामीमलाई और पलामुदिरचोलाई जैसे मंदिरों में विशेष पूजा की जाएगी।जन सैनिक कर्नाटक के कुक्के सुब्रह्मण्य और घाटी सुब्रह्मण्य मंदिरों में भी पूजा करते हैं। इसी तरह, बिक्कावोलु में मोपी देवी और सुब्रह्मण्य मंदिर, विजयवाड़ा में दुर्गा मल्लेश्वर मंदिर और आंध्र प्रदेश के पीथापुरम में पुरुहुतिका मंदिर जैसे शक्ति पीठों में विशेष पूजा की जाएगी।
यह सुनिश्चित करने के इरादे से कि सैनिकों के साहस में सूर्य की शक्ति भी बनी रहे, अगले रविवार को श्रीकाकुलम जिले के अरसावल्ली में सूर्यनारायण स्वामी मंदिर में विशेष पूजा की जाएगी।
जन सेना का मानना है कि यह देश की रक्षा करने वालों को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करने का एक प्रयास है। यह सिर्फ हिंदू धार्मिक कार्यक्रम नहीं है।पवन कल्याण ने स्पष्ट किया – ईसाइयों को चर्च में और मुसलमानों को मस्जिदों में प्रार्थना करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि यह समय समाज के हर वर्ग के लिए एकजुट होकर देश के लिए एकता दिखाने का है। देश इस समय गंभीर स्थिति में है। सेना अपनी भूमिका ईमानदारी से निभा रही है।
ऐसे समय में हमें भी अपनी जिम्मेदारी याद रखनी चाहिए। सहायता की आवश्यकता है, यहां तक कि प्रार्थना के रूप में भी। पवन कल्याण द्वारा चलाया जा रहा यह आध्यात्मिक अभियान पूरे देश को देशभक्ति से भर रहा है। यह सिर्फ पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं है।
यह भारतीय सेना को गैर-तकनीकी सहायता प्रदान करने के संकल्प की अभिव्यक्ति है। इस तरह के कार्य लोगों में राष्ट्रीय चेतना को और मजबूत करते हैं। इससे यह संदेश मिल रहा है कि देश की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए।