हैदराबाद ड्रग केस: हैदराबाद में ड्रग माफिया की बढ़ती गतिविधियों के बीच एक चौंकाने वाली वारदात सामने आई है। शहर की एक महिला डॉक्टर, डॉ. नम्रता, को भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ पकड़ा गया है। यह घटना केवल एक गिरफ्तारी तक सीमित नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि नशे की यह लत अब पढ़े-लिखे और दायित्वपूर्ण पेशेवरों तक भी पहुंच चुकी है।
डॉक्टर से नशेड़ी तक का सफर
पुलिस पड़ताल के मुताबिक, डॉ. नम्रता बीते एक वर्ष में करीब 70 लाख रुपये की नशीली दवाएं खरीद चुकी थीं। हाल ही में उनके पास से 53 ग्राम कोकीन जब्त की गई, जिसकी बाजार में कीमत लाखों में बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि उन्होंने खुद स्वीकार किया कि वह लंबे समय से इस लत की गिरफ्त में थीं और ड्रग डीलरों के संपर्क में थीं।
मेडिकल पेशे में विश्वास को लगा झटका
डॉक्टरों से समाज को स्वास्थ्य और सतर्कता की उम्मीद होती है, लेकिन इस वारदात ने मेडिकल पेशे की साख पर गहरा धक्का पहुंचाया है। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि जब डॉक्टर ही नशे के जाल में फंस सकते हैं, तो आम आदमी कैसे सुरक्षित रहेगा?

पुलिस की कार्रवाई और जांच की स्थिति
हैदराबाद ड्रग केस: पुलिस ने डॉक्टर नम्रता को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ प्रारंभ की है। आरंभिक पड़ताल में पता चला है कि वह एक संगठित ड्रग रैकेट का हिस्सा हो सकती हैं। पुलिस अब उन सप्लायर्स और नेटवर्क की पहचान में जुटी है, जो शहर में हाई-प्रोफाइल ग्राहकों को निशाना बना रहे हैं।
समाज को चाहिए सजगता और जागरूकता
इस घटना से साफ है कि ड्रग माफिया अब समाज के सबसे शिक्षित वर्ग को भी नहीं छोड़ रहे। यह एक चेतावनी है कि हमें खुद भी सतर्क रहना होगा और नशे के विरुद्ध मुहिम को समाज स्तर पर हिम्मत से आगे बढ़ाना होगा।