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Gupt Navratri में होती हैं इन 10 महाविद्याओं की पूजा, जानिए पूरी सूची

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Gupt Navratri में होती हैं इन 10 महाविद्याओं की पूजा, जानिए पूरी सूची

Gupt Navratri में होती हैं इन 10 महाविद्याओं की पूजा, जानिए पूरी सूची गुप्त नवरात्रि एक गुप्त साधना काल

Gupt Navratri वर्ष में दो बार — माघ और आषाढ़ मास में आती है। यह नवरात्रि आमजन के लिए नहीं, बल्कि गुप्त साधना और तांत्रिक क्रियाओं के लिए जानी जाती है। इस दौरान साधक विशेष रूप से दस महाविद्याओं की पूजा करते हैं जिन्हें शक्ति का रूप माना गया है

Gupt Navratri में होती हैं इन 10 महाविद्याओं की पूजा, जानिए पूरी सूची
गुप्त नवरात्रि में होती हैं इन 10 महाविद्याओं की पूजा, जानिए पूरी सूची

10 महाविद्याएं कौन-सी हैं?

Gupt Navratri के दौरान जिन 10 महाविद्याओं की पूजा होती है, वे हैं:

  1. काली – मृत्यु और समय की देवी, सभी महाविद्याओं में प्रमुख
  2. तारा – रक्षा करने वाली देवी, तांत्रिक साधना में अत्यंत प्रभावशाली
  3. त्रिपुर सुंदरी (श्रीविद्या) – सौंदर्य और प्रेम की अधिष्ठात्री देवी
  4. भुवनेश्वरी – विश्व की रचयिता, आकाश तत्व की अधिपति
  5. छिन्नमस्ता – आत्मबलिदान और चेतना की देवी
  6. भैरवी – विनाश और शक्ति का स्वरूप
  7. धूमावती – विधवा देवी, त्याग और वैराग्य की प्रतीक
  8. बगलामुखी – शत्रुनाश और वाक् सिद्धि देने वाली देवी
  9. मातंगी – विद्या, कला और संगीत की देवी
  10. कमला – लक्ष्मी का रूप, समृद्धि और वैभव की देवी

Gupt Navratri में पूजा का महत्व

गुप्त नवरात्रि के दौरान की गई पूजा गोपनीय रूप से की जाती है। इसे खुले रूप में नहीं मनाया जाता क्योंकि इसका जुड़ाव तांत्रिक विधाओं से होता है। इस समय की गई साधना से:

  • शत्रुओं का नाश
  • तांत्रिक सिद्धि
  • मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक उन्नति
  • आत्मबल की प्राप्ति
Gupt Navratri में होती हैं इन 10 महाविद्याओं की पूजा, जानिए पूरी सूची
Gupt Navratri में होती हैं इन 10 महाविद्याओं की पूजा, जानिए पूरी सूची

महत्वपूर्ण बातें Gupt Navratri के बारे में:

  • यह 9 दिन का एकांत साधना काल होता है
  • सामान्य नवरात्रि की तुलना में कम प्रसिद्ध, परंतु अधिक प्रभावी
  • साधक मां की कृपा पाने के लिए रात्रि में पूजा करते हैं
  • ब्रह्म मुहूर्त और रात्रि के मध्य समय में विशेष मंत्र सिद्ध होते हैं

Gupt Navratri केवल व्रत या उत्सव का अवसर नहीं है, यह एक गहन साधना का काल है जहाँ साधक शक्ति की 10 महाविद्याओं के माध्यम से परम सिद्धियों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह साधना, श्रद्धा और संकल्प की चरम सीमा को दर्शाती है

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