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Gluten Intolerance: क्या है ग्लूटेन इंटॉलरेंस, जिसमें रोटी खाने से भी करना पड़ता है परहेज? यहां जानिए सबकुछ

Kshama Singh
Kshama Singh
Gluten Intolerance: क्या है ग्लूटेन इंटॉलरेंस, जिसमें रोटी खाने से भी करना पड़ता है परहेज? यहां जानिए सबकुछ

ग्लूटेन नामक प्रोटीन को पचाने में होती है कठिनाई

ग्लूटेन इंटॉलरेंस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ग्लूटेन (Gluten) नामक प्रोटीन को पचाने में कठिनाई होती है। यह प्रोटीन मुख्यतः गेहूं, जौ और राई जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। डॉक्टर आपको रोटी या गेंहू वाली चीजें खाने से मना कर सकते हैं। अच्छे स्वास्थ्य (Good Health) के लिए खान-पान में सुधार करना बेहद जरूरी होता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक सभी लोगों को आहार में पौष्टिक चीजें, नट्स-सीड्स और साबुत अनाज को भरपूर मात्रा में शामिल करना चाहिए। भारतीय भोजन साबुत अनाज और चावल-रोटी आम अनाज है।

इसका सेवन करने से शरीर के लिए बढ़ सकती है समस्या

लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों को इस तरह के आम दैनिक चीजों के सेवन से भी समस्या हो सकती हैं।
विशेषतौर पर जिन खाद्य पदार्थों में Gluten की मात्रा पाई जाती है, वहीं इसका सेवन करने से शरीर के लिए समस्या बढ़ाने वाली हो सकती है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में ग्लूटेन इंटॉलरेंस कहा जाता है। ग्लूटेन इंटॉलरेंस एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को Gluten नामक प्रोटीन को पचाने में परेशानी होती है। यह प्रोटीन मुख्यत: गेहूं, जौ और राई जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसलिए ऐसे व्यक्तियों को ब्रेड, पास्ता, रोटी-पराठा और बिस्किट जैसी चीजें खाने से भी परहेज करना पड़ता है।

ग्लूटेन इंटॉलरेंस और इसके मामले

आंकड़ों पर नजर डालें, तो पता चलता है कि भारत में करीब अनुमानतः 6 से 8 मिलियन लोग सीलिएक डिजीज से पीड़ित है, जोकि Gluten इंटॉलरेंस का एक रूप है। ऐसे में अगर आप ग्लूटेन वाली चीजों का सेवन करते हैं, तो आपको बार-बार पेट में सूजन, गैस बनना, डायरिया, कब्ज, पेट में दर्द, थकावट, कमजोरी और स्किन पर चकत्ते जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं कुछ लोगों को बिना सीलिएक डिजीज के बिना भी Gluten वाली चीजों से एलर्जी हो सकती है।

क्यों होता है ग्लूटेन इंटॉलरेंस

विशेष रूप से Gluten इंटॉलरेंस, नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी एक ऐसी स्थिति है। जिसमें शरीर ग्लूटेन के प्रति असामान्य प्रतिक्रिया करता है। हालांकि यह क्यों होता है, इसके सटीक वजहों को पूरी तरह से नहीं समझा जा सका है। लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो पर्यावरणीय कारक, गट माइक्रोबायोम और आनुवंशिकता सहित कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ शोध बताते हैं कि Gluten इंटॉलरेंस गेहूं और अन्य ग्लूटेन युक्त अनाज में कुछ कार्बोहाइड्रेट को पचाने में समस्या के कारण भी हो सकती है। यह कार्बोहाइड्रेट आंत में किण्वित होने लगती हैं, जिसके कारण गैस, सूजन और पेट दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं।

आप तो नहीं हैं इसका शिकार

कहीं आप भी Gluten इंटॉलरेंस नहीं हैं, इसका पता लगाने के लिए कुछ खास लक्षणों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अगर आपको सामान्य खाना जैसे गेंहू या जौं से बनी चीजें खाने के बाद पेट में दर्द, दस्त या कब्ज, गैस और सिरदर्द की समस्या हो जाती है, तो सावधान हो जाना चाहिए। वहीं कुछ लोगों को इन चीजों को खाने से स्किन पर लाल चकत्ते हो सकते हैं। अगर अक्सर खाना खाने के बाद आपको यह समस्या हो रही हैं, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Gluten इंटॉलरेंस के उपाय

बता दें कि सीलिएक डिजीज का पता लगाने के लिए सीरोलॉजिकल टेस्ट या फिर आंतों की स्थिति का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट किए जाते हैं। जिससे पता चलता है कि आपको यह समस्या क्यों हो रही है। ऐसे में अगर आपको ग्लूटेन इंटॉलरेंस की समस्या होती है तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। हालांकि इस समस्या के लिए कोई दवा नहीं है, सिर्फ Gluten फ्री डाइट से दूरी बनाना ही बचाव का उपाय है।

  • इस समस्या वाले लोगों को गेहूं, जौ, राई और इनसे बने उत्पादों से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
  • ग्लूटेन इंटॉलरेंस वाले लोगों के लिए चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार और कुट्टू जैसे विकल्प अच्छे हो सकते हैं। लेकिन इसके बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • ग्लूटेन इंटॉलरेंस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ग्लूटेन नामक प्रोटीन को पचाने में कठिनाई होती है। यह प्रोटीन मुख्यतः गेहूं, जौ और राई जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। डॉक्टर आपको रोटी या गेंहू वाली चीजें खाने से मना कर सकते हैं।
  • Gluten Intolerance: अच्छी सेहत चाहते हैं तो खान-पान में सुधार करना बहुत जरूरी हो जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को आहार में पौष्टिक चीजें, साबुत अनाज, नट्स-सीड्स को भरपूर मात्रा में शामिल करना चाहिए।
  • भारतीय भोजन में चावल-रोटी, साबुत अनाज आम है, पर क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों को इस तरह के आम दैनिक चीजों के सेवन से भी दिक्कतें हो सकती हैं? विशेषतौर पर जिन खाद्य पदार्थों में ग्लूटेन की मात्रा होती है, उसका सेवन शरीर के लिए समस्या बढ़ाने वाली हो सकती है। इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में ग्लूटेन इंटॉलरेंस कहा जाता है।
  • ग्लूटेन इंटॉलरेंस एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ग्लूटेन नामक प्रोटीन को पचाने में कठिनाई होती है। यह प्रोटीन मुख्यतः गेहूं, जौ और राई जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसलिए ऐसे लोगों को रोटी-पराठा, ब्रेड, पास्ता, बिस्किट जैसी चीजें खाने से भी परहेज करना पड़ता है।

ग्लूटेन इंटॉलरेंस और इसके मामले

आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारत में, अनुमानतः 6 से 8 मिलियन (60-80 लाख) लोगों को सीलिएक डिजीज है, जो Gluten इंटॉलरेंस का एक रूप है। सीलिएक डिजीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है, इसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम ग्लूटेन को पचाने की कोशिश में खुद की आंतों को ही नुकसान पहुंचाने लगता है। ऐसे में अगर आप ग्लूटेन वाली चीजें खाते हैं तो इससे बार-बार डायरिया या कब्ज, पेट में सूजन-गैस बनने, पेट दर्द, थकावट और कमजोरी, त्वचा पर चकत्ते होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

कुछ लोगों को बिना सीलिएक डिजीज के बिना भी ग्लूटेन वाली चीजों से एलर्जी हो सकती है।

ग्लूटेन इंटॉलरेंस होता क्यों है?

Gluten इंटॉलरेंस, विशेष रूप से नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी, एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर ग्लूटेन के प्रति असामान्य प्रतिक्रिया करता है। ये क्यों होता है इसके सटीक कारणों को पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें आनुवंशिकता, पर्यावरणीय कारक और गट माइक्रोबायोम सहित कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ शोध बताते हैं कि ग्लूटेन इंटॉलरेंस गेहूं और अन्य ग्लूटेन युक्त अनाज में पाए जाने वाले कुछ कार्बोहाइड्रेट को पचाने में दिक्कतों के कारण भी हो सकती है। ये कार्बोहाइड्रेट आंत में किण्वित होने लगते हैं, जिससे सूजन, गैस और पेट दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं।

कैसे जानें कहीं आप भी तो नहीं हो गए हैं शिकार?

कहीं आपको भी तो ग्लूटेन इंटॉलरेंस नहीं है, इसका पता लगाने के लिए कुछ लक्षणों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सामान्य भोजन जैसे रोटी, गेंहू या जौ से बनी चीजें खाने के बाद यदि आपको पेट में दर्द, गैस, दस्त या कब्ज, सिरदर्द हो जाता है तो सावधान हो जाना चाहिए। कुछ लोगों को इन चीजों के सेवन के बाद त्वचा पर लाल चकत्ते भी हो सकते हैं। अगर अक्सर भोजन के बाद आपको भी ये दिक्कतें हो रही हैं तो डॉक्टर से संपर्क करके स्थिति का सही निदान जरूर करा लें।

जिन लोगों को ग्लूटेन इंटॉलरेंस है वो क्या उपाय करें?

सीलिएक डिजीज का पता लगाने के लिए सीरोलॉजिकल टेस्ट या फिर आंतों की स्थिति का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर निदान करते हैं कि आपको ये समस्या क्यों हो रही है। अगर आपको ग्लूटेन इंटॉलरेंस की समस्या होती है तो कुछ सावधानियां बरतनी शुरू कर दें।
इस समस्या के लिए फिलहाल कोई दवा नहीं है, केवल ग्लूटेन-फ्री डाइट से दूरी बनाना ही बचाव का उपाय है।
ऐसे लोगों को गेहूं, जौ, राई और इनसे बने उत्पादों से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
ग्लूटेन इंटॉलरेंस वाले लोगों के लिए बाजरा, चावल, मक्का, ज्वार, कुट्टू जैसे विकल्प अच्छे हो सकते हैं, इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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