बिहार में वज्रपात से 9 लोगों की मौत रविवार को हो गयी. बांका (Banka) में सबसे अधिक चार लोगों की जान गयी. गया, पटना और वैशाली में भी कई लोग इसकी चपेट में आए और उनकी मौत हो गयी.
बिहार में वज्रपात (Thunderstorm) से 9 लोगों की मौत रविवार को हो गयी. मौसम का मिजाज बदला तो आसमान से मौत बनकर बिजली गिरी. राजधानी पटना, गया, वैशाली और बांका जिलों में ये घटनाएं हुईं और 9 लोगों की जिंदगी चली गयी. जबकि कई लोग झुलसकर बुरी तरह जख्मी भी हुए हैं. मृतकों की उम्र 12 वर्ष से 65 वर्ष के बीच है. कहीं बाइक सवार युवक तो कहीं खेती कर रहा किसान ठनके की चपेट में आकर अपनी जान गंवा गया.
बांका में चार लोगों की मौत
बदले हुए मौसम का कहर सबसे अधिक बांका जिले में देखा गया. जहां चार लोगों की जान वज्रपात की चपेट में आकर गयी. बांका के कोहकारा में करीना कुमारी (12), अमरपुर में अनिल यादव, फुल्लीडुमर में सुलेखा देवी और बेलहर में पशुपालक विजय यादव की मौत वज्रपात के कारण हो गयी.
गया में ठनके की चपेट में आकर बाइक सवारों की मौत
गया में मौसम बदला आसमान से गिरी बिजली ने सूर्यमंडल चेकपोस्ट (Checkpost) के पास बाइक सवार तीन युवकों को अपनी चपेट में ले लिया. अंकित और विकेश कुमार की मौत मौके पर ही हो गयी जबकि वकील मांझी नाम का शख्स बुरी तरह झुलस गया है. गया के ही मोहड़ा प्रखंड में मवेशी चराने खेत गए पशुपालक रूपलाल यादव की मौत वज्रपात से हो गयी. ठनका उनके ऊपर ही गिर गया.
कांवरिया पर गिरा ठनका, पटना में किसान की मौत
पटना के मोकामा में एक किसान पोख नारायण महतो की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आकर हो गयी. जबकि पंडारक में एक भैंस की मौत ठनके की चपेट में आकर हो गयी. बांका जिले के जिलेबिया मोड के पास एक कांवरिया किशोर वज्रपात की चपेट में आकर जख्मी हो गया. वहीं वैशाली के चकमसूद गांव में वज्रपात से एक बच्ची की मौत हो गयी.
बदलने वाला है बिहार का मौसम
मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है. बिहार का मौसम अचानक बदला है. गांगेय पश्चिम बंगाल और झारखंड में चक्रवाती परिसंचरण के सक्रिय होने के कारण इसका असर बिहार के मौसम पर भी पड़ने वाला है. लोगों को सतर्क किया गया है.
वज्रपात की परिभाषा क्या है?
वज्रपात, जिसे आकाशीय बिजली भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक घटना है जिसमें बादलों के बीच या बादल और जमीन के बीच बिजली का तीव्र डिस्चार्ज होता है। यह घटना आमतौर पर गरज के साथ तूफ़ान के दौरान होती है, जिसमें तेज़ हवाएं, भारी बारिश और ओले गिरते हैं।
बादल में बिजली क्यों गिरती है?
इलेक्ट्रिक चार्ज का पृथक होना: बादल का ऊपर वाला भाग धनात्मक (प्लस) ऊर्जा उत्पन्न करता है, जबकि बादल का निचला भाग ऋणात्मक (माइनस) ऊर्जा उत्पन्न करता है. जब यह दोनों हिस्से आपस में टकराते हैं, जो इनसे इलेक्ट्रिक चार्ज निकलता है, जिससे एक स्पार्क होता है, जिसे में आसमानी बिजली कहते हैं.
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