इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025: द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। TRF, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का छद्म संगठन माना जाता है, जिसने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 18 जुलाई को TRF को फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन (FTO) और स्पेशली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (SDGT) घोषित किया। भारत ने इसे आतंकवाद विरोधी सहयोग की जीत बताया।
चीन ने इस फैसले का समर्थन करते हुए क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी सहयोग की वकालत की। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने पहलगाम हमले की निंदा की और सहयोग बढ़ाने की अपील की। यह रुख चौंकाने वाला है, क्योंकि चीन ने पहले UNSC में TRF और LeT का नाम हटवाने में पाकिस्तान का साथ दिया था।
पाकिस्तान ने इस कदम को “भारत का प्रचार” करार दिया। विदेश मंत्री इशाक डार ने दावा किया कि LeT निष्क्रिय है और TRF से इसका कोई संबंध नहीं। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की बौखलाहट साफ दिखी, जहां इसे उनकी आतंक समर्थक नीति का पर्दाफाश बताया गया। यह कदम UNSC में भारत की TRF प्रतिबंध की कोशिशों को बल दे सकता है।
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TRF से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर: प्रतिरोध मोर्चा (टीआरएफ), एक अल्पज्ञात सशस्त्र समूह जो 2019 में कश्मीर क्षेत्र में उभरा