नई दिल्ली । पहलगाम आंतकी हमले के खिलाफ शुरु किया गया ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) भारत की सैन्य ताकत, शौर्य और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा () के नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस अभियान ने पाकिस्तान (Pakistan) की कमर तोड़ दी लेकिन भारत की स्वदेशी रक्षा प्रणालियों की ताकत को वैश्विक मंच पर दिखा दिया। भारत के स्वदेशी हथियारों का कमाल पूरी दुनिया ने देखा और अब इसके फायदा भी मिल रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, पिनाका रॉकेट लॉन्चर और डी4 एंटी-ड्रोन सिस्टम जैसे स्वदेशी हथियारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मेक इन इंडिया’ केवल नारा नहीं, बल्कि युद्धक्षेत्र में भारत की सिद्ध क्षमता भी है
10 मई को भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने एसयू-30 एमकेआई विमानों से 15 ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ पाकिस्तान में भयानक कहर ढाया। पाकिस्तान के 11 हवाई अड्डों पर सटीक हमले किए किए, जिसमें जैसे कई महत्वपूर्ण हवाई अड्डे शामिल थे। आकाश और अकाशतीर प्रणालियों ने पाकिस्तान के 300-400 ड्रोन हमलों और मिसाइलों को नाकाम कर भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2025 को राष्ट्र को संबोधित कर कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि ‘मेक इन इंडिया’ केवल नारा नहीं, बल्कि युद्धक्षेत्र में भारत की सिद्ध क्षमता भी है।
फिलीपींस को 375 मिलियन डॉलर की ब्रह्मोस मिसाइलें निर्यात की गईं
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी स्वीकार किया कि अभियान ने स्वदेशी हथियारों की वैश्विक मांग को बढ़ाया है। भारतीय ड्रोन स्टार्टअप्स से लेकर पब्लिक सेक्टर की दिग्गज कंपनियों तक, सभी अब रक्षा उत्पादों के निर्यात की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। खासतौर पर ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की नींद उड़ने वाली ब्रह्मोस मिसाइल की विदेशी बाजारों में मांग में सबसे ज्यादा है। भारत का रक्षा निर्यात 2023-24 में 23,622 करोड़ तक पहुंचा, जो पिछले वर्ष से 12 प्रतिशत अधिक है। एक रिपोर्ट में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि फिलीपींस को 375 मिलियन डॉलर की ब्रह्मोस मिसाइलें निर्यात की गईं, जिसे रूस और भारत ने एसाथ में मिलकर बनाया है।
साल 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ से अधिक करना है
अब वियतनाम, इंडोनेशिया, ब्राजील और अफ्रीकी देशों के साथ भी ब्रह्मोस को लेकर बातचीत चल रही है। आकाश एयर डिफेंस प्रणाली का साल 2022 में आर्मेनिया को 6,000 करोड़ का निर्यात और पिनाका रॉकेट्स की मांग और मजबूत बनाती हैं। अब मोदी सरकार का लक्ष्य साल 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ से अधिक करना है।
मेक इन इंडिया का बजा डंका ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारतीय हथियारों को पहचान दी बल्कि पाकिस्तान के चीनी हथियारों, जैसे एचक्यू-9 और एलवाई-80 की कमजोरियों को भी उजागर कर दिया। इसके बाद बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में विश्वसनीय विकल्प के रूप में स्थापित किया। ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत अब आयातक से निर्यातक की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास को नई दिशा मिल रही है।
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