मौसम विभाग ने गुरुवार को आठ राज्यों में भारी बारिश (Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र में रेड जबकि बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ऑरेंज अलर्ट है।वहीं, पिछले 24 घंटों में दिल्ली, गोवा, तेलंगाना सहित 6 राज्यों में सबसे ज्यादा बारिश हुई। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड से दो नेशनल हाईवे समेत कुल 385 सड़कें बंद हैं।राज्य में 22 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से, अब तक 137 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 34 लापता हैं। इस दौरान 1382 करोड़ रुपए की सरकारी और निजी संपत्ति भी नष्ट हो चुकी है।
उधर हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर नहरों में चार लाशें मिलीं। दिल्ली-NCR में बीते दिन लगातार बारिश से सड़कों पर तीन फीट तक पानी भर गया। नोएडा में 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बिहार में कोसी नदी (Kosi River) का जलस्तर बढ़ गया है। देर रात कोसी बराज के 26 गेट खोले गए और करीब 1.73 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

कोसी तटबंध के किनारे बसे गांवों में निगरानी बढ़ायी गयी
जल संसाधन विभाग के अनुसार, नेपाल (Nepal) में बारिश की रफ्तार फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है, जिससे आने वाले समय में जलस्तर और भी बढ़ सकता है. स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क हो गए हैं. कोसी तटबंध के किनारे बसे गांवों में निगरानी बढ़ा दी गयी है और संभावित खतरे को देखते हुए लोगों को सतर्क किया जा रहा है.
बराह क्षेत्र से पानी पहुंचा कोसी बराज तक
चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने जानकारी दी कि बुधवार सुबह बराह जल अधिग्रहण क्षेत्र में जलस्तर तेजी से बढ़ा, जो दोपहर 12 बजे तक 01 लाख 42 हजार 250 क्यूसेक तक पहुंच गया. बराह से कोसी बराज तक पानी आने में लगभग छह घंटे का समय लगता है. इसी कारण बराह क्षेत्र में सुबह हुए जलस्तर वृद्धि का असर शाम को कोसी नदी में देखने को मिला.
वरुण कुमार ने बताया कि दोपहर 12 बजे के बाद से बराह क्षेत्र में जलस्तर गिरने लगा है और अब जल का दबाव घटने की संभावना है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नेपाल में वर्षा नहीं हुई है, परंतु संभवतः पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश हुई होगी, जिसका असर नदी के जलप्रवाह पर पड़ा है।
बाढ़ किसे कहते हैं, कितने प्रकार के होते हैं?
बाढ़ के दो मुख्य प्रकार हैंअचानक आने वाली बाढ़ और व्यापक नदी बाढ़। अचानक आने वाली बाढ़ से आम तौर पर जान-माल का ज़्यादा नुकसान होता है, जबकि नदी बाढ़ से आम तौर पर संपत्ति का ज़्यादा नुकसान होता है।
बाढ़ की उत्पत्ति कैसे हुई?
बारिश के दौरान, कुछ पानी तालाबों या मिट्टी में जमा हो जाता है, कुछ घास और वनस्पतियों द्वारा सोख लिया जाता है, कुछ वाष्पित हो जाता है, और बाकी सतही अपवाह के रूप में ज़मीन पर बह जाता है। बाढ़ तब आती है जब तालाब, झीलें, नदी तल, मिट्टी और वनस्पतियाँ सारा पानी सोख नहीं पातीं।
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