देश की राजधानी दिल्ली से एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। 1 जनवरी से 23 जुलाई 2025 के बीच दिल्ली से 7,880 से अधिक लोग लापता हो चुके हैं और अभी तक उनमें से अधिकांश का कोई पता नहीं चल पाया है। यह आंकड़े Zonal Integrated Police Network (ZIPNET) से सामने आए हैं, जो पूरे मामले की भयावहता को उजागर करते हैं।
लापता लोगों में महिलाएं सबसे अधिक
ZIPNET के मुताबिक, लापता हुए व्यक्तियों में:
- 4,753 महिलाएं
- 3,133 पुरुष
शामिल हैं, जो राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक चिंताओं पर बड़ा सवाल खड़ा करते हैं। - ice Network) एक इंटर-स्टेट पुलिस डेटा नेटवर्क है जो लापता व्यक्ति, अज्ञात शव, चोरी हुए वाहन, गुमशुदा/अज्ञात बच्चे और चोरी हुए मोबाइल्स की जानकारी साझा करने के लिए बनाया गया है।
- शुरुआत: 2004
- कनेक्टेड राज्य: दिल्ली सहित 8 राज्य
- डेटा: गुमशुदगी, शव, चोरी आदि से जुड़ी वास्तविक समय की सूचना
- हाल में ZIPNET से लापता व्यक्तियों के रिश्तेदारों की जानकारी हटा दी गई थी, क्योंकि इस डेटा का इस्तेमाल कुछ लोग धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के लिए कर रहे थे।
- आगे क्या ज़रूरी है?
- AI तकनीक का तेज़ और नैतिक उपयोग
- जिलावार फोकस और पुलिस स्टाफिंग (Police Staffing) में वृद्धि
- कम्युनिटी अवेयरनेस और भागीदारी
- ZIPNET को नागरिकों के लिए अधिक यूज़र फ्रेंडली बनाना ।
दिल्ली का पुराना नाम क्या था?
दिल्ली का पुराना नाम इंद्रप्रस्थ था। महाभारत काल में, यह पांडवों की राजधानी थी। बाद में, 12वीं शताब्दी में, राजपूत राजा अनंगपाल तोमर ने इसे ढिल्लिका या दिल्ली नाम दिया, जो धीरे-धीरे दिल्ली के रूप में जाना जाने लगा. एक किंवदंती के अनुसार, राजा दिल्लू ने यहां एक किला बनवाया था, जिससे इसका नाम दिल्ली पड़ा.
पृथ्वीराज से पहले दिल्ली का राजा कौन था?
इसे सुनेंसही उत्तर अनंग पाल है। अनंगपाल, एक तोमर शासक ने संभवतः दिल्ली में पहला ज्ञात स्थाई रक्षा-दुर्ग बनाया जिसे लाल कोट कहा जाता है- जिसे पृथ्वीराज ने अपने अधिकार में ले लिया और अपने शहर किला राय पिथौरा में शामिल कर दिया।
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