राजस्थान (Rajasthan) के झालावाड़ जिले में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात मासूम बच्चों की मौत और 28 अन्य के घायल होने की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। हादसा उस वक्त हुआ जब बच्चे सुबह की प्रार्थना के लिए इकट्ठा थे।
पूरी खबर:
राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र में स्थित पीपलोदी गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल में 25 जुलाई 2025 को सुबह करीब साढ़े सात बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ। स्कूल की जर्जर छत अचानक भरभराकर गिर गई, जिसके मलबे में दबकर सात बच्चों की मौत हो गई, जबकि 28 अन्य बच्चे घायल हो गए। हादसे के समय बच्चे कक्षा छह और सात में प्रार्थना सभा के लिए मौजूद थे।
स्थानीय लोगों और प्रशासन की मदद से मलबे में दबे बच्चों को निकाला गया और घायलों को तुरंत मनोहरथाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और झालावाड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

मृतक बच्चों में पायल (14), प्रियंका (14), कार्तिक (8), हरीश (8), कुंदन (12), मिनी (13), और वीरम (8) शामिल हैं। घायलों में मिथुन (11), आरती (9), विशाल (9), अनुराधा (7), राजू (10), और शाहीना (8) जैसे बच्चों को गंभीर चोटों के कारण जिला अस्पताल रेफर किया गया। स्कूल में उस समय कुल 71 बच्चे मौजूद थे, और दो शिक्षक भवन के बाहर थे। एक छात्रा वर्षा राज क्रांति ने बताया कि छत से कंकड़ गिरने की शिकायत बच्चों ने शिक्षकों को दी थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया, और कुछ ही देर बाद छत ढह गई।
स्थानीय लोगों और परिजनों ने स्कूल भवन की जर्जर हालत के लिए प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि 78 साल पुरानी इस इमारत की मरम्मत के लिए कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन केवल सतही मरम्मत (लीपापोती) की गई। शिक्षा विभाग ने 14 जुलाई 2025 को सभी स्कूलों की जर्जर इमारतों की मरम्मत के निर्देश दिए थे, लेकिन झालावाड़ प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
हादसे के बाद राजस्थान सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच शिक्षकों और एक शिक्षा विभाग के अधिकारी को निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना को “अत्यंत दुखद और हृदयविदारक” बताते हुए घायलों के समुचित इलाज के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि बच्चों का इलाज सरकारी खर्च पर होगा और मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा, “दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं प्रभावित छात्रों और उनके परिवारों के साथ हैं।” वहीं, गहलोत ने कम से कम जनहानि और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
इस हादसे ने राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया कि राज्य में हजारों स्कूल भवन जर्जर हैं, जिनकी मरम्मत के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। स्थानीय लोगों और परिजनों ने मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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