165वीं वाहिनी सीआरपीएफ (CRPF) की संयुक्त टीम ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर ग्राम बोडनगुड़ा और बेदरे इलाके में अभियान चलाया। सुकमा जिले के जगरगुण्डा थाना क्षेत्र में सक्रिय जगरगुण्डा एरिया कमेटी के चार नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सभी नक्सली (Naxli) 29 जून 2025 को कैप बेदरे के पास सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से आईईडी प्लांट (IED) करने की साजिश में शामिल थे।
4 नक्सली गिरफ्तार
जिले में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत 23 जुलाई को जगरगुंडा थाना व 165वीं वाहिनी सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर ग्राम बोडनगुड़ा और बेदरे इलाके में अभियान चलाया, जहां से चार नक्सलियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया। गिरफ्तार नक्सलियों में तामु जोगा, पुनेम बुधरा, मड़कम भीमा और मिड़ियम आयतु शामिल हैं, जो सभी मिलिशिया सदस्य हैं और ग्राम बोडनगुड़ा, बेदरे (जिला सुकमा) के निवासी हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से एक टिफिन बम भी बरामद किया है।
भेजे गए जेल
पुलिस ने आरोपियों को विशेष न्यायालय दंतेवाड़ा में पेश कर जेल भेज दिया है। वहीं, घटना में शामिल अन्य नक्सलियों की तलाश में क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी अभियान जारी है।
नक्सलियों का इतिहास क्या है?
नक्सलवाद शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गाँव के नाम से हुई है, जहाँ 1967 में किसानों का एक विद्रोह हुआ था। इस आंदोलन को ही “नक्सलवाद” कहा जाता है और इसमें शामिल लोगों को “नक्सल” या “नक्सली” कहा जाता है। “नक्सलवाद” शब्द का प्रयोग मोटे तौर पर सभी कम्युनिस्ट विद्रोही आंदोलनों के लिए किया जाता है।
भारत में नक्सलवाद का मुख्य कारण क्या है?
भारत में नक्सलवाद का मुख्य कारण गरीबी, भूमिहीनता, सामाजिक-आर्थिक असमानता, कमजोर शासन, और सरकारी नीतियों की विफलता है। इसके अतिरिक्त, आदिवासी समुदायों का शोषण, संसाधनों का असमान वितरण, और शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की कमी भी नक्सलवाद को बढ़ावा देते हैं.
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