सहायक संपदा अधिकारी के पद पर थे तैनात
हैदराबाद। तेलंगाना हाउसिंग बोर्ड (Telangana Housing Board) के एक अधिकारी की शनिवार सुबह मेहदीपटनम में एक संपत्ति को सील करने के दौरान हुई हाथापाई के दौरान कथित तौर पर हमले के बाद मौत हो गई। तेलंगाना हाउसिंग बोर्ड में सहायक संपदा अधिकारी (assistant estate officer) के पद पर कार्यरत आर जगदीश्वर राव (52) अपने सहकर्मियों के साथ सुबह मेहदीपटनम स्थित एमपी फंक्शन हॉल गए थे। आवास बोर्ड ने अदालत से अपने पक्ष में आदेश प्राप्त कर लिया था और समारोह हॉल पर कब्जा लेने चला गया था।
कोर्ट के निर्देश पर एक जगह को सील करने गई थी टीम
तेलंगाना हाउसिंग बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘खाजा इशाकुद्दीन नाम के व्यक्ति को बोर्ड का 1.22 करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है। लीज़ 2014 में खत्म हो गई थी और चूँकि अदालत में मामला चल रहा था, इसलिए हाउसिंग बोर्ड के पक्ष में फैसला सुनाया गया और पुलिस को सूचित करने के बाद हम उस जगह को सील करने गए।’ टीम ने समारोह हॉल के तीन गेटों में से एक को बंद कर दिया था और जब वे दूसरे गेट को बंद करने का प्रयास कर रहे थे, तभी तनाव उत्पन्न हो गया।
धक्का-मुक्की के दौरान गिर पड़े राव
धक्का-मुक्की के दौरान जगदीश्वर राव गिर पड़े और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। आवास बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि खाजा इशाकुद्दीन ने अधिकारियों को अपना काम करने से रोकने के लिए बाउंसरों को इकट्ठा किया था। सूचना पर आसिफनगर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। मामला दर्ज कर लिया गया है।

हाउसिंग बोर्ड क्या होता है?
राज्य सरकार द्वारा स्थापित यह संस्था शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आम नागरिकों, विशेषकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए किफायती आवास योजनाएं संचालित करती है। यह भूमि अधिग्रहण, मकान निर्माण और वितरण का काम करती है, ताकि सबको आवास उपलब्ध हो सके।
वक्फ बोर्ड क्या है?
यह एक कानूनी निकाय है जो मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों, मस्जिदों, कब्रिस्तानों और अन्य वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है। इसका उद्देश्य धार्मिक, चैरिटेबल और सामाजिक कार्यों के लिए वक्फ की गई संपत्तियों की सुरक्षा और उपयोग सुनिश्चित करना होता है।
मुस्लिम वक्फ बोर्ड कब बना था?
इसकी स्थापना 1954 में ‘वक्फ अधिनियम, 1954’ के अंतर्गत हुई थी। बाद में इसे 1995 में संशोधित कर ‘वक्फ अधिनियम, 1995’ लागू किया गया। इसके तहत हर राज्य में अलग वक्फ बोर्ड बनाए गए, जो मुस्लिम वक्फ संपत्तियों का प्रशासनिक कार्य देखते हैं।
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