एक-दो महीने में मिल सकती है मंजूरी
आदिलाबाद। बहुप्रतीक्षित आदिलाबाद-निर्मल-आर्मोर रेलवे लाइन अंततः वास्तविकता बनने जा रही है, जिससे क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय रेल मंत्रालय (Railway Ministry) आदिलाबाद (Adilabad) से पटनचेरु तक 317 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को एक-दो महीने में मंज़ूरी दे सकता है। पहले चरण में, आदिलाबाद, निर्मल और अरमूर कस्बों के बीच 137 किलोमीटर लंबे हिस्से पर लगभग 3,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से काम शुरू होने की उम्मीद है। केंद्र इस बुनियादी ढाँचे से जुड़ी पहल को उच्च प्राथमिकता देते हुए, इस परियोजना के लिए धन मुहैया कराने के लिए तैयार है।
पहले चरण में डीपीआर को मंजूरी देने का दिया निर्देश
आदिलाबाद के सांसद जी नागेश ने बताया कि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने क्षेत्र के पिछड़ेपन का हवाला देते हुए अधिकारियों को पहले चरण में डीपीआर को मंजूरी देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी जल्द ही परियोजना के तकनीकी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र पूरी लागत वहन करेगा और इसे क्षेत्र में कनेक्टिविटी सुधारने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया।
उच्च-स्तरीय पुलों का निर्माण शामिल
सांसद ने बताया कि मंत्रालय ने डीपीआर को मंज़ूरी देने और काम शुरू करने के लिए पहले ही कदम उठा लिए हैं। इस परियोजना में महबूब घाटों पर सुरंगों के ज़रिए रेल लाइनें बिछाना और नेराडिगोंडा मंडल में निर्मल और कुप्ती के पास गोदावरी नदी पर उच्च-स्तरीय पुलों का निर्माण शामिल है। इंजीनियरों ने सुरंगों और पुलों, दोनों के डिज़ाइन तैयार कर लिए हैं। इस रेलवे लाइन को 2023 में तब गति मिली जब इसे अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) के लिए पाँच प्राथमिकता वाले मार्गों में सूचीबद्ध किया गया। भारतीय रेलवे ने निज़ामाबाद से निर्मल और अरमूर होते हुए आदिलाबाद तक ब्रॉड-गेज लाइन के लिए एफएलएस कराने हेतु निविदाएँ आमंत्रित की थीं । स्थानीय निवासी लंबे समय से राज्य और केंद्र सरकार, दोनों से इस लाइन की माँग कर रहे थे।
कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए परियोजना
यह रेलवे लाइन आदिलाबाद को पटनचेरु पर हैदराबाद से जोड़ेगी , और इसे आदिलाबाद और निर्मल जिलों के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ अभी रेल संपर्क नहीं है। यह लाइन निर्मल को आदिलाबाद और निज़ामाबाद से भी जोड़ेगी , जिससे क्षेत्रीय परिवहन में उल्लेखनीय सुधार होगा। इससे उत्तरी तेलंगाना के अविकसित जिलों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलने और कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
यात्रा दूरी में 120 किमी की कमी आएगी
वर्तमान में, यात्री आदिलाबाद मुख्यालय से हैदराबाद पहुँचने के लिए रेल द्वारा महाराष्ट्र होते हुए लगभग 435 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। जबकि सड़क मार्ग से दूरी केवल 300 किलोमीटर है। नई रेल लाइन चालू होने पर यात्रा के समय और दूरी में भारी कमी आएगी।

भारत में रेल का मालिक कौन है?
देश की समस्त रेलवे सेवाओं का स्वामित्व भारत सरकार के पास है। इसका संचालन भारतीय रेल (Indian Railways) नामक संस्था के माध्यम से होता है, जो रेल मंत्रालय के अधीन कार्य करती है। यह विश्व की सबसे बड़ी सरकारी रेल परिवहन व्यवस्थाओं में से एक मानी जाती है।
भारत में कुल कितने रेलवे हैं?
भारतीय रेल में कुल 18 ज़ोनल रेलवे हैं, जिनमें जैसे—पूर्व रेलवे, पश्चिम रेलवे, उत्तर रेलवे, दक्षिण रेलवे, और केंद्रीय रेलवे शामिल हैं। इनके अंतर्गत सैकड़ों डिविज़न कार्यरत हैं, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में संचालन, रख-रखाव और यात्री सेवाओं को नियंत्रित करते हैं।
रेल का असली नाम क्या है?
सामान्यतः “रेल” शब्द ट्रेन या रेलवे को दर्शाता है, लेकिन तकनीकी और संस्थागत रूप से इसका असली नाम “भारतीय रेल” (Indian Railways) है। यह भारत सरकार का एक सार्वजनिक उपक्रम है जो यात्री परिवहन, माल ढुलाई और इंजन–कोच निर्माण आदि का कार्य करती है।
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