महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रस्तुत की याचिका
हैदराबाद। बीआरएस ने सोमवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हुए 10 विधायकों को तत्काल अयोग्य घोषित करने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष गद्दाम प्रसाद के निर्धारित समय पर उपस्थित न होने के कारण, BRS विधायकों ने सोमवार को विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की। सुप्रीम कोर्ट (SC) द्वारा तीन महीने के भीतर दस बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के निर्देश के मद्देनजर, बीआरएस ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर इस प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया। पूर्व निर्धारित समय सुबह 11 बजे, तलसानी श्रीनिवास यादव, गंगुला कमलाकर, केपी विवेकानंद, चिंता प्रभाकर, माणिक राव, डी सुधीर रेड्डी, कलेरू वेंकटेश, पाडी कौशिक रेड्डी, अनिल जाधव और मुथा गोपाल सहित बीआरएस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल विधानसभा पहुँचा।
बंद रहा कार्यालय का दरवाजा
कथित तौर पर अध्यक्ष अनुपस्थित थे और उनके कार्यालय का दरवाज़ा बंद रहा। विरोध स्वरूप, बीआरएस विधायकों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष अपनी याचिका प्रस्तुत की और लोकतंत्र की रक्षा की अपील की। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष जानबूझकर संवैधानिक ज़िम्मेदारी से बच रहे हैं। कमलाकर ने स्पीकर से तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं। स्पीकर को तीन महीने के भीतर कार्रवाई करनी होगी। हम लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए दलबदल करने वाले विधायकों को तत्काल अयोग्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं।’

राजनीति की सही परिभाषा क्या है?
शासन और सत्ता के संचालन से जुड़ी गतिविधियों, नीतियों और विचारों की प्रक्रिया को राजनीति कहा जाता है, जिसमें समाज के संसाधनों का वितरण और निर्णय-निर्धारण शामिल होता है।
राजनीति के जनक कौन थे?
प्लेटो को राजनीति का जनक माना जाता है, क्योंकि उन्होंने ‘राज्य’ और न्याय पर आधारित आदर्श शासन की अवधारणा सबसे पहले प्रस्तुत की थी।
राजनीति के 4 प्रकार कौन से हैं?
लोकतांत्रिक, राजतांत्रिक, तानाशाही और साम्यवादी — ये राजनीति के प्रमुख चार प्रकार माने जाते हैं, जो शासन की पद्धतियों को दर्शाते हैं।
Read Also : Hyderabad : केसीआर ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के निधन पर जताया शोक