ट्रेनें हुई रिग्रेट, अब स्पेशल का इंतजार
Railway News : रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार नजदीक है…भाई के हाथों पर राखी (Rakhi) बांधने का सपना सजाए बहनों की आंखों में चमक है, पर सफर की राह में टिकट की दीवार खड़ी है। दिल्ली समेत अन्य राज्यों की राजधानी से चलने वाली ट्रेन में लंबी वेटिंग और नौ रूम की स्थिति से आ गई है। त्योहार के पहले ही अधिकांश रेग्युलर ट्रेनों के स्लीपर और एसी कोच फुल हो चुके है।
दरअसल, राखी का त्योहार नौ अगस्त यानी शनिवार को है। रविवार की छुट्टी होने के चलते इस बार राखी पर लोगों का अप डाउन ज्यादा रहेगा। लोग गुरुवार या शुक्रवार की छुट्टी लेकर घरों की ओर रवाना होंगे। गुरुवार शाम और शुक्रवार को रेलवे स्टेशनों पर विभिन्न शहरों की तरफ जाने वाली ट्रेनों में ज्यादा मारामारी रहेगी। राजधानी दिल्ली से विभिन्न राज्यों की तरफ जाने वाली ट्रेन में सात और आठ अगस्त को किसी भी ट्रेन में वेटिंग टिकट भी उपलब्ध नहीं है।
Railway News : ऐसे में यात्रियों को अब तत्काल टिकट और स्पेशल ट्रेनों से उम्मीद है। आठ अगस्त की ट्रेन में तत्काल टिकट के लिए सात अगस्त को बुकिंग शुरू होगी। जो यात्री अब तक अपनी सीट बुक नहीं करा पाए, उन्हें तत्काल सेवा से कंफर्म टिकट मिलने की उम्मीद है। जबकि कई यात्री स्पेशल ट्रेन शुरु होने का भी इंतजार कर रहे है।
रेलवे के बदले नियम के कारण भी लोग है परेशान
हाल ही में भारतीय रेलवे के बदले हुए नियमों के चलते कोई भी यात्री वेटिंग टिकट पर यात्रा नहीं कर सकेगा। रेलवे ने स्लीपर में उपलब्ध सीटों का 40 और एसी में 60 प्रतिशत वेटिंग लिस्ट के टिकट जारी करने का नियम बनाया है। इस नियम के चलते यात्रियों को ट्रेनों में वेटिंग टिकट भी नहीं मिल पा रहा है।
उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत राजधानी दिल्ली से उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बिहार के पटना, महाराष्ट्र के पुणे-मुबई, मध्यप्रदेश के इंदौर-भोपाल, छत्तीसगढ़ के रायपुर, राजस्थान के जयपुर और दक्षिण भारत जाने वाले यात्रियों को हो रही है।
क्योंकि इन राज्यों की ओर जाने वाली अधिकांश रेगुलर ट्रेन फुल हो चुकी है। कुछ ट्रेनों में रिग्रेट की स्थिति आ गई है। ऐसी स्थिति दिल्ली से जाने में नहीं है,बल्कि वापसी के दौरान भी हो दिखाई देर ही है। हालांकि लंबी दूरी वाली कुछ प्रीमियम और महंगे किराए वाली ट्रेनों में टिकट इक्के दुक्के ही मिल रहे हैं, लेकिन डायनेमिक फेर लगने के चलते इनका किराया ज्यादा हो रहा है।
अब यात्रियों को त्योहार स्पेशल का इंतजार
रेलवे के विभिन्न जोन हर साल रक्षाबंधन पर स्पेशल ट्रेनों की घोषणा करते है। इसी तरह उत्तर रेलवे भी राजधानी दिल्ली से विभिन्न शहरों के लिए कई स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा करते आया है। रेलवे इसकी जानकारी यात्रियों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों देता है। ताकि घोषणा होते ही यात्री इन स्पेशल ट्रेनों में कंफर्म टिकट ले सके। लेकिन अब तक उत्तर रेलवे की तरफ से कोई भी स्पेशल ट्रेन की घोषणा नहीं की गई है। उत्तर रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रक्षाबंधन पर बढ़ती यात्रियों की डिमांड को देखते हुए रूट प्लानिंग की जा रही है। जल्द ही यात्रियों के लिए स्पेशल ट्रेनों का टाइम टेबल जारी कर दिया जाएगा।
दिल्ली से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल, ओडिशा और पूर्वोत्तर की ओर यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या काफी अधिक है। इन्हीं क्षेत्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए विशेष ट्रेनों के संचालन की योजना पर काम चल रहा है। रेलवे का कहना है कि स्पेशल ट्रेनों के अलावा रेगुलर गाड़ियों में अतिरिक्त कोच जोड़ने की भी प्लानिंग की जा रही है। इससे उन यात्रियों को राहत मिलेगी जो पहले बुकिंग नहीं करवा पाए है या जिनका टिकट वेटिंग में है। रक्षाबंधन बड़ा त्यौहार है। बड़ी संख्या में महिलाएं इस दिन ट्रेनों में अकेले यात्रा करती हैं, इसलिए हमारी कोशिश है कि उन्हें पूरी सुरक्षा व सहयोग मिले। इसलिए स्टेशनों और ट्रेनों में मेरी सहेली टीम विशेष रूप से मौजूद रहेगी।
रेलवे का इतिहास क्या है?
पहली भाप से चलने वाली रेलवे 1837 में मद्रास में चली, और पहली यात्री ट्रेन 1853 में बंबई और ठाणे के बीच चली। 1925 में, बंबई में डीसी ट्रैक्शन पर पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चली। पहली लोकोमोटिव निर्माण इकाई 1950 में चित्तरंजन में चालू की गई और पहली कोच निर्माण इकाई 1955 में मद्रास में स्थापित की गई।
रेलवे स्टेशन का पूरा नाम क्या है?
रेलवे स्टेशन को हिंदी में “लौह पथ गामिनी विराम बिंदु” और “लौह पथ गामिनी विश्राम स्थल” कहा जाता है। देशी भाषा में इसे कई बार “रेलगाड़ी पड़ाव स्थल” भी कहा जाता है।