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Dharali Kalp Kedar : मलबे में समाए कल्प केदार धाम

Surekha Bhosle
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Dharali Kalp Kedar : मलबे में समाए कल्प केदार धाम

जहां कभी बहती थी खीर गंगा, आज वहां है सिर्फ़ सन्नाटा

Dharali Kalp Kedar : उत्तराखंड के धराली (Dharali) गांव में स्थित कल्प केदार (Kalp Kedar) धाम, जो कभी श्रद्धा और आस्था का केंद्र था, एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया। खीर गंगा, जो यहां पवित्र जल से शिवलिंग का जलाभिषेक करती थी, आज मौन है, और कल्प केदार फिर मलबे में दफ्न हो गया है

उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 4 लोगों के मरने की खबर है. अचानक बादल फटने से खीर गंगा नदी में पानी का जल स्तर इतना बढ़ा कि उसने तबाही मचा दी. इसके मलबे में यहां का प्रसिद्ध कल्प केदार मंदिर दब गया. इस मंदिर में केदारनाथ धाम की झलक मिलती है. अपदा से पहले यहां हर समय खीर गंगा भगवान शिव का जलाभिषेक करती थीं।

केदारनाथ धाम जैसा कल्प केदार मंदिर

धराली के कल्प केदार मंदिर की बनावट केदारनाथ धाम मंदिर के जैसे ही है. इस मंदिर को कत्यूर शैली में बनाया गया है. यह प्राचीन वास्तुकला और समृद्ध इतिहास का प्रतीक है. बताया जाता है कि कल्प केदार मंदिर के गर्भगृह का शिवलिंग नंदी की पीठ के आकार का है. यह शिवलिंग ठीक वैसे ही है, जैसे केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग है. मंदिर के बाहर के पत्थरों पर नक्काशी की गई है, जो काफी आकर्षक है।

हर समय खीर गंगा करतीं जलाभिषेक

बताया जाता है कि कल्प केदार मंदिर जमीन की सतह से नीचे है. भगवान कल्प केदार की पूजा के लिए भक्तों को नीचे जाना पड़ता था. गर्भगृह में जो शिवलिंग स्थापित है, उस पर हर समय खीर गंगा का पानी गिरता रहता था, जैसे मानो कि खीर गंगा स्वयं भगवान शिव का जलाभिषेक कर रही हों. खीर गंगा के जल को आने के लिए एक मार्ग भी बनाया गया था.

1945 में मिला यह प्राचीन शिव मंदिर

भगवान शिव का यह कल्प केदार मंदिर कई सालों तक जमीन के नीचे ही दबा था. हो सकता है कि पहले आई आपदाओं के मलबे में यह दबा गया हो. 1945 में यहां पर कई फीट नीचे खुदाई हुई तो यह प्रचीन शिव मंदिर मिला.

मंदिर का आधा हिस्सा जमीन में

जीमन की सतह से 12 फीट नीचे तक खुदाई की गई थी. इस मंदिर का आधा हिस्सा फिर भी जमीन में ही था. इस मंदिर में भगवान शिव की सफेद रंग की मूर्ति है, उनके आसपास नंदी, शेर, शिवलिंग आदि भी हैं. लोक मान्यताओं के अनुसार, यह एक पांडवकालीन शिव मंदिर है, जो कभी 240 मंदिरों के समूह में शामिल था. बाद में ये सभी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से भौगोलिक बदलाव में लुप्त हो गए. कल्प केदार मंदिर के पास के अवशेष 17वीं सदी के बताए जाते हैं. कल्प केदार मंदिर पुरातत्व विभाग की सूची में शामिल है।

कहां हैं कल्प केदार मंदिर

कल्प केदार मंदिर धराली गांव में है, जो उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर गंगोत्री हाइवे पर बसा है. य​ह गंगोत्री से 20 किलोमीटर की दूरी पर है।

कल्पेश्वर महादेव (कल्पनाथ) उत्तराखंड के पांचवें केदार हैं

कल्पेश्वर (कल्पनाथ) भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है जो उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में सुरम्य उर्गम घाटी में 2,200 मीटर (7,217.8 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है।

उत्तराखंड में कितने केदार हैं?

यह भारतीय राज्य हिंदू धर्म के कुछ सबसे पूजनीय तीर्थस्थलों का घर है और इसके कई पवित्र स्थलों में पंच केदार मंदिर भी शामिल हैं, जैसे केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर।

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