बिहार की विशेष सतर्कता इकाई (SVU) की अलग-अलग टीमों ने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में शुक्रवार को पटना, जहानाबाद और खगड़िया में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) संजीव कुमार से जुड़े तीन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। एसवीयू द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और पटना की विशेष सतर्कता अदालत से वारंट प्राप्त करने के बाद शुक्रवार सुबह 7 बजे छापेमारी शुरू हुई।
बैंक खाते किए गए फ्रीज
जहानाबाद में वर्तमान में डीएसपी के पद पर तैनात संजीव कुमार पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 1.52 करोड़ रुपये की संपत्ति रखने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) के कथित तौर पर अवैध रेत खनन कारोबारियों से संबंध थे और उन पर अवैध तरीकों से धन अर्जित करने का संदेह है। डीएसपी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में एसवीयू की कई टीमें तलाशी ले रही हैं। संजीव कुमार के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और छापेमारी समाप्त होने के बाद जब्त की गई वस्तुओं का विवरण सार्वजनिक होने की उम्मीद है।
बता दें कि खगड़िया जिले के मूल निवासी, संजीव कुमार ने अपने पुलिस करियर के दौरान बिहार भर में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। गौरतलब हो कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति अपनी कतई बर्दाश्त न करने की नीति दोहराई है। एसवीयू सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और राजनीतिक नेताओं पर सक्रिय रूप से नजर रख रहा है।
विजिलेंस जांच क्या होती है?
विजिलेंस जांच एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी संगठन या विभाग में अनियमितताओं, भ्रष्टाचार या कदाचार की जांच की जाती है। यह जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) या अन्य संबंधित सतर्कता इकाइयों द्वारा की जा सकती है।
विजिलेंस पुलिस क्या है?
सतर्कता विभाग सरकार का वह अंग है जिसे भ्रष्टाचार को मिटाने और प्रशासन की शुचिता को बनाए रखने का काम सौंपा गया है। 1946 में राजनीतिक (सामान्य) विभाग के एक विंग के रूप में इसकी शुरुआत हुई, इसका नाम बदलकर भ्रष्टाचार निरोधक विभाग कर दिया गया।
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