जम्मू-कश्मीर के कुलगाम (Kulgam) में लश्कर के आतंकियों के खिलाफ 9वें दिन भी ऑपरेशन जारी है. बीती रात सेना और आतंकवादियों के भीषण मुठभेड़ हुई. इसमें सेना के दो जवान शहीद और 4 घायल हो गए. ऑपरेशन के दौरना आतंकवादियों के खिलाफ लड़ते हुए जान गंवाने वाले शहीदों की पहचान लांस नायक प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह (Harmindra Singh) के रूप में हुई है. चिनार कोर ने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को एक्स में अपने पोस्ट पर उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की.
रक्षाबंधन से पहले इस मनहूस खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. आज बहनें अपने भाई के कलाई पर राखी बांधनें के लिए इंतजार कर रही थीं, तभी ये मनहूस खबर ने दरवाजे पर दस्तक दे दी. हालांकि, इन जवानों की वीरगति को देश नहीं भूलेगा और आतंकियों के खिलाफ और भी जोश से कार्रवाई करेंगे.
मुठभेड़ में अब तक तीन आतंकियों को मार गिराया गया है
चिनार कोर ने X पर पोस्ट किया, ‘चिनार कोर राष्ट्र के लिए कर्तव्य निभाते हुए बहादुर लांस नायक प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करता है. उनका साहस और समर्पण हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा. भारतीय सेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है. अभियान जारी है.’ कुलगाम में एक अगस्त से जारी इस मुठभेड़ में अब तक तीन आतंकियों (Terrorist) को मार गिराया गया है !
ऑपरेशन रक्षक क्या था?
ऑपरेशन रक्षक भारतीय सेना द्वारा जम्मू और कश्मीर में 1990 के दशक में शुरू किया गया एक आतंकवाद-रोधी और उग्रवाद-रोधी अभियान था। यह ऑपरेशन विशेष रूप से 1990 में शुरू हुआ था, जब जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद अपने चरम पर था
कश्मीर में कितनी आर्मी है?
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, राज्य में लगभग सैन्य शासन है, जिसमें लोगों को नियंत्रित करने के लिए 500,000 सशस्त्र सैनिक ( 300,000 सेना के जवान , 70,000 राष्ट्रीय राइफल के जवान, 130,000 केंद्रीय पुलिस बल) और उन पर निगरानी रखने के लिए 100,000 से अधिक नागरिक खुफिया और निगरानी कर्मी तैनात हैं।
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