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Cockroach Milk : कॉकरोच दूध, पीते ही बन जाएंगे ‘बाहुबली’

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Cockroach Milk : कॉकरोच दूध, पीते ही बन जाएंगे ‘बाहुबली’

Cockroach Milk : आमतौर पर लोग हेल्‍दी रहने के लिए सुपर फूड (Super Food) को तवज्जो देते हैं। वो हरी पत्तेदार सब्‍जियां, प्रोटीन (Protein) का भरपूर खुराक लेते हैं। गाय का दूध भी उनकी प्राथमिकता होती है। लेकिन जरा सोचिए कोई आपसे कहे कि गाय की दूध से ज्‍यादा फायदेमंद कॉकरोच का दूध होता है तो आपका क्या रिएक्शन होगा? जाहिर है आप सिहर जाएंगे और अगर एक पल ऐसा नहीं भी हुआ तो आपको इस बात पर यकीन नहीं होगा
लेकिन आपको बता दें कि इसमें कोई शक नहीं कि कॉकरोज के दूध को सुपर फूड कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने भी इस बात को माना है। शोधकर्ताओं का दावा है कि कॉकरोच का दूध गाय के दूध से 3 गुना ज्यादा पौष्टिक है।

कॉकरोच का दूध प्रोटीन, शुगर, फैट से भरपूर होता है

Cockroach Milk : कॉकरोच का दूध प्रोटीन, शुगर, फैट से भरपूर होता है जिसकी वजह से इसे धरती पर सबसे ज्यादा पोषक पदार्थ माना जाता है। इंडिपेंडेंट रिपोर्ट के अनुसार, कॉकरोच का दूध अभी तक मानव उपभोग के लिए उपलब्ध नहीं है।

सबसे बड़ी बाधा इसका उत्पादन है। वैज्ञानिकों ने पाया कि पीले रंग का पदार्थ कॉकरोच के बच्चों को खिलाने पर उनके पेट के अंदर क्रिस्टलीकृत हो जाता है। 

शोधकर्ताओं ने पाया कि इसमें भैंस के दूध की तुलना में तीन गुना ज्यादा कैलोरी होती है। कॉकरोच का दूध गाय के दूध की तरह आसानी से उपलब्ध नहीं है। अनुसंधान के अनुसार, इसे गोली के रूप में लेना होगा।
एक गोली तैयार करने के लिए 100 कॉकरोचों का उपयोग करना पड़ेगा। IUOC में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि वैज्ञानिक इस दूध के प्रोटीन क्रिस्टल को प्रयोगशाला में बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

भविष्य में यह दूध एक पौष्टिक आहार का स्रोत बन सकता है

अगर वे सफल होते हैं, तो भविष्य में यह दूध एक पौष्टिक आहार का स्रोत बन सकता है। यह उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है जिन्हें उच्च प्रोटीन वाले आहार की जरूरत होती है, जैसे कि एथलीट और बीमार लोग।

इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

कॉकरोच की आयु कितनी होती है?

आमतौर पर, घरों में घुसने वाले कॉकरोच, जैसे कि जर्मन कॉकरोच, लगभग छह महीने से लेकर एक साल तक जीवित रह सकते हैं। पर्याप्त गर्मी, भोजन और नमी उनके जीवनकाल को और भी बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, मादा तिलचट्टे आमतौर पर नर तिलचट्टों से ज़्यादा जीते हैं, और कुछ तो अनुकूल परिस्थितियों में लगभग दो साल तक जीवित रहते हैं।

कॉकरोच की उत्पत्ति कैसे हुई?प्राचीन उत्पत्ति

कॉकरोच की कहानी लगभग 30 करोड़ साल पहले, कार्बोनिफेरस काल में शुरू होती है। इस काल में, पृथ्वी विशाल दलदली जंगलों से आच्छादित थी, और सबसे पहले जो कीड़े उभरे, वे कॉकरोच जैसे थे

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