मुंबई, 19 अगस्त 2025: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रायगढ़ जिले में बनने वाली ‘तीसरी मुंबई’ (Third Mumbai) की महत्वाकांक्षी योजना का खुलासा किया है, जो मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) का हिस्सा होगी। यह नया शहर न केवल पुरानी मुंबई से तीन गुना बड़ा होगा, बल्कि भारत की आर्थिक राजधानी को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का दम रखता है।
सोमवार को वर्ली में गोल्डमैन सैक्स के नए कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर फडणवीस ने इस परियोजना की रूपरेखा साझा की। उनके मुताबिक, तीसरी मुंबई आधुनिक सुविधाओं, नवाचार और निवेश के लिए वैश्विक केंद्र बनकर देश की अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
तीसरी मुंबई रायगढ़ जिले में विकसित की जा रही है, जो मुंबई और नवी मुंबई से सटा हुआ क्षेत्र है। यह शहर पुरानी मुंबई से क्षेत्रफल में तीन गुना बड़ा होगा, जिससे यह भारत का एक प्रमुख शहरी केंद्र बनने की क्षमता रखता है। इसकी कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए अटल सेतु (मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक), कोस्टल रोड, और वर्ली-सिवरी लिंक रोड जैसे मेगा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पहले से ही तैयार हैं या निर्माणाधीन हैं।
इसके अलावा, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और प्रस्तावित बुलेट ट्रेन परियोजना तीसरी मुंबई को वैश्विक स्तर पर जोड़ेगी। फडणवीस ने कहा, “यह शहर नवी मुंबई और अटल सेतु से सीधे जुड़ा होगा, जिससे यात्रा और व्यापार में तेजी आएगी।
आधुनिक सुविधाएँ और वैश्विक हब
तीसरी मुंबई को एक स्मार्ट, टिकाऊ और नवाचार-केंद्रित शहर के रूप में डिज़ाइन किया जा रहा है। सीएम फडणवीस ने बताया कि इस शहर में शामिल होंगी:
– अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय: सात विश्वविद्यालय पहले ही इस परियोजना से जुड़ चुके हैं, और पांच और शामिल होने की प्रक्रिया में हैं। यह शहर एक ‘एजु सिटी’ के रूप में उभरेगा, जो शिक्षा और अनुसंधान का वैश्विक केंद्र बनेगा।
– मेडिकल और नवाचार केंद्र: अत्याधुनिक मेडिकल कॉलेज, क्वांटम कंप्यूटिंग, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित रिसर्च सेंटर यहाँ स्थापित किए जाएँगे।
– निवेशक-अनुकूल माहौल: रिलायंस, टाटा और गोल्डमैन सैक्स जैसी कंपनियाँ पहले से ही महाराष्ट्र में सक्रिय हैं। फडणवीस ने कहा, “सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत सभी मंजूरियाँ जल्द दी जाएँगी, ताकि निवेशकों को सहूलियत हो।”
– आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर: मेट्रो नेटवर्क, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम, और हरित ऊर्जा पर आधारित बुनियादी ढाँचा इस शहर की पहचान होगा।
आर्थिक प्रभाव और रणनीति
तीसरी मुंबई को भारत की आर्थिक वृद्धि का नया इंजन माना जा रहा है। 2024 में मुंबई की जीडीपी 368 बिलियन डॉलर थी, जो दिल्ली से भी अधिक है। फडणवीस ने दावा किया कि यह नया शहर महाराष्ट्र और भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा। “तीसरी मुंबई वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगी और निवेशकों के लिए एक सहज पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगी,” उन्होंने कहा
इस परियोजना को गति देने के लिए सरकार ने एक ‘वॉर रूम’ स्थापित किया है, जो 30 प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखता है। फडणवीस ने निर्देश दिए हैं कि सभी परियोजनाएँ तीन साल के भीतर पूरी हों, ताकि विकास में देरी न हो। उन्होंने कहा, “हमारी अत्याधुनिक तकनीक और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से यह संभव है।”
चुनौतियाँ और भविष्य
हालांकि यह परियोजना महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। मुंबई पहले से ही भीड़, झुग्गी-झोपड़ियों, और ट्रैफिक की समस्याओं से जूझ रही है। फडणवीस ने कहा कि तीसरी मुंबई इन समस्याओं को हल करने के लिए एक मॉडल शहर होगा, जहाँ स्मार्ट प्लानिंग और टिकाऊ विकास पर ध्यान दिया जाएगा।
इसके अलावा, रायगढ़ जैसे ग्रामीण क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर शहरीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंजूरी जैसी चुनौतियाँ भी हैंफडणवीस ने निवेशकों से अपील की कि वे इस परियोजना में हिस्सा लें, और सरकार हर संभव सहायता देगी। “महाराष्ट्र की व्यापार सुगमता रैंकिंग में सुधार हो रहा है, और हम निवेशकों के लिए एक मज़बूत माहौल तैयार करेंगे,” उन्होंने कहा
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