एपल ने चीन से हटाया बड़ा कदम
एपल ने अपने आने वाले आईफोन-17(iPhone-17) मॉडल के सभी वर्जन भारत (India) में बनाने की तैयारी कर ली है। ब्लूमबर्ग(Bloomberg) की रिपोर्ट के अनुसार यह पहली बार होगा जब कंपनी प्रीमियम और प्रो वेरिएंट सहित सभी डिवाइस की शुरुआत से ही भारत में मैन्युफैक्चरिंग करेगी। इसका सीधा मतलब है कि चीन(China) पर निर्भरता घटाने और अमेरिकी बाजार में सप्लाई सुरक्षित करने की दिशा में एपल ने बड़ा फैसला लिया है।
भारत में तेजी से बढ़ा उत्पादन
मार्केट रिसर्चर कैनालिस के मुताबिक जनवरी से जून 2025 के बीच भारत में 23.9 मिलियन यानी 2.39 करोड़ आईफोन बनाए गए। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 53% अधिक है। इतना ही नहीं, अमेरिका में बिकने वाले 78% आईफोन अब मेड इन इंडिया हैं।
दूसरी ओर, साइबरमीडिया रिसर्च ने बताया कि इसी अवधि में भारत से 22.88 मिलियन यानी 2.28 करोड़ आईफोन निर्यात किए गए। निर्यात का मूल्य करीब 1.94 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि पिछले साल यह 1.26 लाख करोड़ रुपए था। यानी भारत ने साल-दर-साल आधार पर लगभग 52% की वृद्धि दर्ज की।
स्मार्टफोन निर्यात में भारत ने बनाई बढ़त
कैनालिस की रिपोर्ट के अनुसार भारत की स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग एक साल में 240% बढ़ी है। यह पहली बार है जब भारत ने चीन से अधिक स्मार्टफोन अमेरिका को निर्यात किए। दिलचस्प बात यह रही कि इस व्यापार में वियतनाम की हिस्सेदारी भी उल्लेखनीय रही, लेकिन भारत का प्रदर्शन सबसे आगे रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह उछाल न केवल एपल बल्कि पूरी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के लिए सकारात्मक संकेत है। इससे भारत धीरे-धीरे वैश्विक सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बनता जा रहा है।
क्यों बढ़ा एपल का भारत पर भरोसा

एपल के लिए भारत आकर्षण का बड़ा कारण सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम और मेक इन इंडिया पहल है। इसके जरिए फॉक्सकॉन और टाटा जैसी कंपनियों ने बड़े स्तर पर निवेश किया है।
साथ ही भारत का तेजी से बढ़ता स्मार्टफोन बाजार भी एपल को यहां निवेश बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहा है। कंपनी भारत में बने लगभग 70% आईफोन(iPhone-17) एक्सपोर्ट करती है, जिससे उसे चीन की तुलना में कम टैरिफ का फायदा मिलता है। यही नहीं, कर्नाटक में 2.7 बिलियन डॉलर का नया प्लांट भविष्य की योजनाओं को और मजबूती देगा।
आईफोन-17(iPhone-17) की मैन्युफैक्चरिंग भारत में क्यों खास है?
यह पहली बार होगा जब सभी वर्जन, चाहे प्रीमियम हों या प्रो, भारत में ही बनाए जाएंगे। इससे एपल को चीन पर निर्भरता घटाने और सप्लाई चेन मजबूत करने में मदद मिलेगी।
भारत से आईफोन निर्यात में कितनी बढ़ोतरी हुई?
2025 की पहली छमाही में भारत से 2.28 करोड़ आईफोन निर्यात किए गए। इसका मूल्य करीब 1.94 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की तुलना में 52% अधिक है।
एपल के भारत पर फोकस करने के पीछे मुख्य कारण क्या हैं?
सरकारी इंसेंटिव, बढ़ता स्मार्टफोन बाजार, कम इम्पोर्ट टैरिफ और स्किल्ड लेबर फोर्स जैसे कारक इसमें अहम हैं। इसके अलावा जियोपॉलिटिकल तनाव और चीन पर अत्यधिक निर्भरता भी एक बड़ा कारण है।
अन्य पढ़े: