उत्तरी कश्मीर (Kashmir) के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में 29 अगस्त 2025 को भारतीय सेना ने एक जॉइंट ऑपरेशन में मोस्ट वांटेड आतंकी बागू खान उर्फ ‘समंदर चाचा’ (Samandar Chacha) को मार गिराया। यह ऑपरेशन सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, क्योंकि समंदर चाचा पिछले 25 सालों से आतंकियों और घुसपैठियों की मदद करने में अहम भूमिका निभा रहा था। सेना और पुलिस को उसकी तलाश लंबे समय से थी, लेकिन वह अपनी चालाकी और छिपने की कला के कारण बार-बार बच निकलता था।
समंदर चाचा की असलियत
समंदर चाचा का असली नाम बागू खान था, और वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद का रहने वाला था। वह लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों के लिए एक प्रमुख सहायक था, जो सीमा पार से घुसपैठ में मदद करता था। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरेज में मारे गए दो घुसपैठियों में से एक बागू खान था, जिसके पास से मिले दस्तावेजों ने उसकी पहचान की पुष्टि की। वह कश्मीर के भौगोलिक क्षेत्रों का गहरा जानकार था, जिसके कारण आतंकी उसकी मदद से आसानी से भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाते थे।
गुरेज में ऑपरेशन
सेना को खुफिया जानकारी मिली थी कि गुरेज सेक्टर में कुछ आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। इसके आधार पर सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान दो घुसपैठिए मारे गए, जिनमें एक समंदर चाचा था। सेना के अनुसार, वह आतंकियों को हथियार, रसद और सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध कराने में माहिर था। उसका नाम सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में शामिल था, और उसकी गतिविधियों ने कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सुरक्षाबलों की सफलता
यह ऑपरेशन गुरेज जैसे रणनीतिक क्षेत्र में सुरक्षाबलों की सतर्कता और खुफिया तंत्र की मजबूती को दर्शाता है। समंदर चाचा का खात्मा न केवल आतंकी नेटवर्क के लिए झटका है, बल्कि सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को रोकने में भी अहम कदम है। सेना ने इसे आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताया है।
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