प्रधीन लिमिटेड बोर्ड की अहम बैठक
मुंबई: मुंबई की कंपनी प्रधीन लिमिटेड(Pradheen Limited) ने निवेशकों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर ली है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह शेयरधारकों को 10:1 अनुपात में बोनस(Bonus) शेयर देने पर विचार करेगी। यही कारण है कि कंपनी का स्टॉक लगातार अपर सर्किट में फंस रहा है। बैठक सात सितंबर को होगी, जिसमें बोनस इश्यू के साथ-साथ कंपनी के नए व्यापारिक कदमों पर भी चर्चा होगी।
बोनस इश्यू से निवेशकों की उम्मीदें
प्रधीन लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स बोनस(Bonus) शेयरों पर अंतिम मुहर लगाने जा रहे हैं। इसका मतलब यह होगा कि अगर किसी निवेशक के पास एक शेयर है, तो उसे दस बोनस शेयर और मिलेंगे। यह कदम कंपनी के निवेशकों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है। इसके अलावा बैठक में स्टील और कच्चे माल के व्यापार और निर्यात पर भी विचार होगा, जिससे कंपनी की राजस्व क्षमता और मजबूत होगी।
कंपनी इस पहल के जरिए वैश्विक व्यापार पुनर्गठन और भारत(India) की बढ़ती भूमिका का फायदा उठाना चाहती है। अमेरिका-एशिया और ब्रिक्स जैसे गलियारों में भू-राजनीतिक बदलावों को देखते हुए, प्रधीन अपनी लॉजिस्टिक और व्यापारिक क्षमताओं का इस्तेमाल नए अवसरों को पकड़ने में करेगी। इस कदम से “मेक इन इंडिया” अभियान को भी बल मिलेगा।
पहले भी दिया जा चुका है बोनस
यह पहला मौका नहीं है जब प्रधीन लिमिटेड ने बोनस(Bonus) शेयर देने का फैसला किया है। इससे पहले 10 मार्च 2025 को कंपनी ने 2:1 अनुपात में बोनस शेयर जारी किए थे। उस समय 10 रुपये अंकित मूल्य वाले शेयर को विभाजित कर 1 रुपये अंकित मूल्य वाले 10 शेयरों में बदला गया था। इसी कारण निवेशकों को तब भी बड़ी राहत मिली थी।
कंपनी की शुरुआत वर्ष 1982 में हुई थी और यह मुख्य रूप से एग्री सॉल्यूशन, डेयरी और स्टील सेक्टर में काम करती है। हाल ही में कंपनी ने कृषि कचरा प्रबंधन और सतत संसाधन विकास में भी कदम रखा है, जिससे इसके व्यापार का दायरा और बढ़ गया है।
प्रधीन लिमिटेड का बोनस इश्यू कब तय होगा?
प्रधीन लिमिटेड का बोर्ड 7 सितंबर 2025 को बैठक करेगा, जिसमें 10:1 अनुपात वाले बोनस इश्यू को मंजूरी दी जाएगी। इस फैसले के बाद निवेशकों को प्रत्येक एक शेयर पर 10 बोनस शेयर मिलेंगे।
कंपनी के नए व्यापारिक विस्तार का महत्व क्या है?
स्टील और कच्चे माल के व्यापार व निर्यात में प्रवेश से प्रधीन लिमिटेड को वैश्विक बाजार में नई पहचान मिलेगी। साथ ही “मेक इन इंडिया” पहल के साथ तालमेल बिठाकर कंपनी अपनी राजस्व वृद्धि को और मजबूत बना सकेगी।
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