देश के सबसे बड़े IPO से पहले बदलाव
नई दिल्ली: टाटा ट्रस्ट्स(Tata Trusts) के वाइस चेयरमैन विजय सिंह(Vijay Singh) ने टाटा संस के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा बोर्ड की उस अहम मीटिंग से ठीक पहले आया है, जिसमें आरबीआई(RBI) द्वारा तय की गई आईपीओ समय सीमा पर चर्चा होनी थी। टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा संस में 52% हिस्सेदारी है और यह टाटा ग्रुप(Tata Group) की होल्डिंग कंपनी है, जिसका कारोबार कई क्षेत्रों में फैला है।
इस्तीफे के कारण और उम्र सीमा पर नियम
पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह 77 वर्ष के हैं और टाटा ट्रस्ट्स की ओर से बोर्ड के सदस्य थे। इस्तीफे के बावजूद वह ट्रस्ट्स के ट्रस्टी बने रहेंगे। बीते वर्ष टाटा ट्रस्ट्स ने नियम बनाया था कि 75 वर्ष से अधिक आयु वाले बोर्ड सदस्यों की हर साल समीक्षा होगी। इसी बैठक में उम्र पर विचार किया गया और ज्यादातर ट्रस्टी इस नियम के पक्ष में दिखे।
टाटा संस के बोर्ड में टाटा ट्रस्ट्स के अन्य सदस्य नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासनहैं। दिलचस्प बात यह है कि विजय सिंह पहले भी 2013 में बोर्ड में शामिल हुए थे, लेकिन 2018 में 70 साल की उम्र पूरी होने पर हटना पड़ा। 2022 में वह दोबारा लौटे क्योंकि रतन टाटा(Ratan Tata) ने उस समय रिटायरमेंट की तय सीमा हटा दी थी।
नए अवसर और बोर्ड में खाली पद
विजय सिंह के इस्तीफे के साथ ही बोर्ड के दो और सदस्य—जेएलआरके पूर्व सीईओ राल्फ स्पेथ और पिरामल एंटरप्राइजेज के अजय पिरामल—का कार्यकाल भी खत्म हो गया है। इससे नए सदस्यों की नियुक्ति का रास्ता खुल गया है। अभी बोर्ड में छह सदस्य हैं और टाटा ट्रस्ट्स को एक तिहाई सदस्य नामित करने का अधिकार है।
कंपनी के इतिहास में उम्र की सीमा का उपयोग कई बार पद विस्तार और समाप्ति के लिए किया गया है। उदाहरण के तौर पर नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की उम्र सीमा पहले 70 थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 75 किया गया। इसी से रतन टाटा लंबे समय तक चेयरमैन बने रहे। वित्त वर्ष 2025 में विजय सिंह को टाटा संस से 3.2 करोड़ रुपये का कमीशन मिला था।
IPO की चुनौती और टाटा कैपिटल की तैयारी
यह बदलाव उस समय आया है जब टाटा संस और टाटा कैपिटल(Tata Capital) आईपीओ को लेकर दबाव में हैं। आरबीआई ने तय किया है कि इस महीने के अंत तक टाटा कैपिटल को अपना 1.9 अरब डॉलर का आईपीओ लाना होगा। हालांकि कंपनी ने इसके लिए अतिरिक्त समय मांगा है।
इसी बीच टाटा संस ने आरबीआई से अपनी कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी का लाइसेंस सरेंडर करने की मांग की है ताकि उसे खुद आईपीओ न लाना पड़े। अनुमान है कि टाटा कैपिटल का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम होगा। यह पूंजी बाजार में निवेशकों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर माना जा रहा है।
विजय सिंह का इस्तीफा क्यों अहम है?
उनका इस्तीफा बोर्ड की उस बैठक से पहले आया जिसमें आईपीओ पर बड़ा निर्णय होना था। इससे टाटा ट्रस्ट्स की नीति और नेतृत्व में बदलाव के संकेत मिलते हैं।
टाटा कैपिटल का आईपीओ खास क्यों है?
यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा, जिसकी राशि 1.9 अरब डॉलर के करीब है। इससे कंपनी को मजबूत वित्तीय आधार मिलेगा और निवेशकों को बड़े अवसर मिलेंगे।
अन्य पढ़े: