क्या यूरोप में फैल सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध?
वारसॉ: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष से पूरे यूरोप(Europe) में तनाव बढ़ रहा है। हाल ही में रूसी ड्रोन पोलैंड(Poland) और रोमानिया के हवाई क्षेत्र में घुस गए, जिसके बाद नाटो देश सतर्क हो गए हैं। इस घटनाक्रम ने युद्ध के और अधिक फैलने की आशंका को बढ़ा दिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की(Volodymyr Zelensky) ने रोमानिया में हुई इस घुसपैठ को “युद्ध का स्पष्ट विस्तार” बताया है। इस घटना के जवाब में, पोलैंड(Poland) ने अपनी जमीन पर नाटो सैनिकों को तैनात करने का फैसला किया है, जो नाटो के आर्टिकल-4 के तहत एक रक्षात्मक कदम है।
पोलैंड और रोमानिया में ड्रोन घुसपैठ
यह घटनाक्रम तब सामने आया जब पिछले सप्ताह पोलैंड के बाद शनिवार को रोमानिया में भी रूसी ड्रोन देखे गए। रूसी ड्रोनों का नाटो देशों के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करना एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। इन घटनाओं के बाद, नाटो के सदस्य देशों में हलचल बढ़ गई है, और उन्होंने अपनी सेनाओं को अलर्ट पर रखा है। पोलैंड(Poland) ने अपनी सीमा पर रूसी ड्रोनों का मुकाबला करने के लिए हेलीकॉप्टर और विमान तैनात किए हैं। हंगरी ने भी स्थिति पर नजर रखने के लिए दो F-16 विमान भेजे हैं, जो इस बढ़ते तनाव को दर्शाते हैं।
रूस का इनकार और नाटो की प्रतिक्रिया
जहां एक ओर नाटो देश इस घुसपैठ को लेकर चिंतित हैं, वहीं रूस ने इन ड्रोनों के रूसी होने से इनकार किया है। मॉस्को के प्रवक्ता ने दावा किया है कि ये ड्रोन यूक्रेन द्वारा तैनात किए गए थे। हालांकि, इस घटना के बाद नाटो ने रूस के साथ पहली बार सीधे टकराव का सामना किया है। पोलिश क्षेत्र में ऑपरेशन ईस्टर्न सेंट्री के तहत नाटो सैनिकों की तैनाती की बात कही गई है। यह कदम क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए नाटो की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, लेकिन इससे तनाव और बढ़ने की भी संभावना है।
नाटो का आर्टिकल-4 क्या है और इसे पोलैंड ने क्यों लागू किया?
नाटो का आर्टिकल-4 एक ऐसा प्रावधान है जिसके तहत कोई भी सदस्य देश अपनी क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या सुरक्षा को खतरे में देखकर अन्य नाटो देशों के साथ सलाह-मशविरा करने का अनुरोध कर सकता है। पोलैंड ने यह कदम रूसी ड्रोनों की घुसपैठ के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता के कारण उठाया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के यूरोप में फैलने की आशंका क्यों बढ़ रही है?
रूस-यूक्रेन युद्ध के यूरोप में फैलने की आशंका इसलिए बढ़ रही है क्योंकि रूसी ड्रोन नाटो सदस्य देशों जैसे पोलैंड और रोमानिया के हवाई क्षेत्र में घुस गए हैं। इस तरह की घुसपैठ को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने “युद्ध का विस्तार” बताया है। इस घटना ने नाटो को अपनी सैन्य तैयारी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है, जिससे दोनों पक्षों के बीच तनाव और बढ़ रहा है।
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