दिल्ली (Delhi) में हुए बीएमडब्ल्यू (BMW) हादसे ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। इस मामले में आरोपी गगनप्रीत के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। हादसे में वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी की मौत हो गई थी, जिसके बाद यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है।
पुलिस की जांच में सामने आया कि गगनप्रीत ने गाड़ी तेज रफ्तार और लापरवाही से चलाई थी। इसी दौरान उसकी टक्कर एक अधिकारी से हो गई, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद आरोपी ने न केवल फरार होने की कोशिश की बल्कि पुलिस को गुमराह करने और सबूत मिटाने के प्रयास भी किए। यही वजह है कि उसके खिलाफ चार बड़ी धाराएँ लगाई गई हैं।
पहली धारा लापरवाही से गाड़ी चलाने की है, जिसमें सात साल तक की कैद का प्रावधान है। दूसरी धारा दूसरों की जान को खतरे में डालने की है, जिसके तहत छह महीने से लेकर तीन साल तक की सजा हो सकती है। तीसरी धारा गैर-इरादतन हत्या से जुड़ी है, जिसमें पाँच से दस साल की कैद और कई मामलों में आजीवन कारावास भी हो सकता है। चौथी धारा सबूतों से छेड़छाड़ या उन्हें छिपाने की है, जिसमें सात साल तक की सजा हो सकती है।
कानून विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अदालत में ये सभी आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो आरोपी को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है। वहीं पीड़ित परिवार ने मांग की है कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।
इस घटना ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और जिम्मेदार ड्राइविंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि दिल्ली जैसे बड़े शहरों में अक्सर तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने की घटनाएँ सामने आती हैं, लेकिन सख्त कानून और उनका पालन ही ऐसी घटनाओं पर लगाम लगा सकता है।
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