दिल्ली-NCR में ‘ग्रीन क्रैकर्स’ बनाने की इजाजत, पर बिक्री पर रोक
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट(SC) ने दिवाली से ठीक पहले दिल्ली-NCR में पटाखा निर्माताओं को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने शुक्रवार को ग्रीन क्रैकर्स यानी ‘हरित पटाखों’ के निर्माण की अनुमति दे दी है। यह इजाजत केवल उन मैन्युफैक्चरर्स के लिए है जिनके पास NEERI (नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) और PESO (पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन) का वैध परमिट है। हालांकि, जस्टिस बीआर गवई, के. विनोद चंद्रन और एनवी अंजारिया की बेंच ने निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त भी रखी है: वे कोर्ट के अगले आदेश तक NCR (नेशनल कैपिटल रीजन) में किसी भी पटाखे की बिक्री नहीं कर सकते। यह फैसला पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की व्यवहार्यता और प्रदूषण नियंत्रण के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की कोर्ट की इच्छा को दर्शाता है।
पूर्ण प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट की संतुलित टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट(SC) ने दिल्ली-NCR में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग पर अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रतिबंध को पूरी तरह से लागू करना न तो संभव है और न ही यह सही है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिबंध के बावजूद इसे लागू नहीं किया जा सका, जिसका उदाहरण देते हुए बिहार में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध के बाद अवैध माफिया खनन बढ़ने का जिक्र किया। बेंच ने केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया कि वह दिल्ली सरकार, पटाखा बनाने और बेचने वालों सहित सभी हितधारकों से बातचीत करके पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के फैसले को संशोधित करे। कोर्ट(SC) का यह दृष्टिकोण एक संतुलित समाधान खोजने की तरफ इशारा करता है, जो प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक पहलुओं को भी ध्यान में रखे।
AQI और GRAP-1: प्रदूषण नियंत्रण के ताजा कदम
पटाखों पर सुनवाई के बीच दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर पहले ही चिंताजनक हो चुका है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 के पार होने के बाद 14 अक्टूबर को GRAP-1 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-1) लागू कर दिया गया था। GRAP-1 के तहत, होटलों और रेस्तरां में कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध है। इसके अलावा, कमीशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने पुरानी यानी BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल गाड़ियों के परिचालन पर सख्त निगरानी के आदेश दिए हैं। AQI, जो प्रदूषण मापने का एक पैमाना है, 200 से 300 के बीच भी खराब माना जाता है, लेकिन NCR के कई शहरों में यह 300 के ऊपर जा चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में पटाखा निर्माताओं को ‘ग्रीन क्रैकर्स’ बनाने की इजाजत देने के बावजूद बिक्री के संबंध में क्या शर्त रखी है?
सुप्रीम कोर्ट(SC) ने शर्त रखी है कि जिन मैन्युफैक्चरर्स के पास ग्रीन क्रैकर्स बनाने के लिए परमिट है, वे कोर्ट के अगले आदेश तक NCR में कोई भी पटाखा नहीं बेचेंगे, यानी निर्माण की इजाजत है, लेकिन फिलहाल बिक्री पर रोक बरकरार है।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण 14 अक्टूबर को कौन सा एक्शन प्लान लागू किया गया और इसके तहत एक प्रमुख प्रतिबंध क्या है?
प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण GRAP-1 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-1) लागू किया गया था। इसके तहत एक प्रमुख प्रतिबंध यह है कि होटलों और रेस्तरां में कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर रोक लगा दी गई है।
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