5 लाख से अधिक को छात्रवृत्ति का लाभ
सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि वर्ष 2017 में जब हमारी सरकार आई, तो हमने वर्ष 2016-17 और 2017-18 की छात्रवृत्ति प्रदेश के एक-एक बच्चे को दी गयी. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 9 से 12 वीं के अनुसूचित जाति-जनजाति और सामान्य जाति के 4 लाख छात्रों को (scholarship) छात्रवृत्ति उपलब्ध करायी जा रही है।
इसमें पहले चरण में 1 लाख 12 हजार छात्र छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं. पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राएं और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के 25,000 छात्र-छात्राएं सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं. सीएम ने कहा कि वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अनुसूचित जाति-जनजाति के 1 करोड़ 23 लाख छात्रों को 9,150 करोड़ रुपए की धनराशि वितरित की गई है।
कुछ लोग आत्मनिर्भर भारत के लिए फिर से बाधक बने
सीएम योगी CM Yogi ने छात्रों से कहा कि आपके हाथों में आने वाली पीढ़ी का नेतृत्व आने वाला है, उसके लिए अभी से मानसिक रूप से तैयार रहिये. हम कैसा भारत चाहते हैं, इस पर अभी से सोचना होगा. याद रखिएगा विभाजनकारी ताकतों ने देश को गुलाम बनाया था. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत के लिए अभियान चलाया जा रहा है. वहीं कुछ लोग आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लिए फिर से बाधक बन करके समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।
हमारा प्रयास होना चाहिए कि हमें बंटना नहीं है, हमें एकजुट होकर के बेहतर शिक्षा के लिए हर छात्र को स्कूल तक पहुंचाना है. हर छात्र और वंचित को स्कूली शिक्षा के साथ जोड़ना है. उसकी शिक्षा के उन्नयन के लिए प्रयास करना है।
2025-26 में स्कॉलरशिप दोगुनी हो चुकी है,सीधे ट्रांसफर
CM Yogi : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017-18 में 1,648 करोड़ 91 लाख, 2018-19 में 1,883 करोड़ 96 लाख, 2019-20 में 1,887.29 करोड़, 2020-21 में 1,505 करोड़ 53 लाख, 2021-22 में 1,581 करोड़ 42 लाख, 2022-23 में 1,813 करोड़ 97 लाख, 2023-24 में 2,608 करोड़ 13 लाख, 2024-25 में 2,861 करोड़ 38 लाख और 2025-26 में 3,124 करोड़ 45 लाख रुपये छात्रवृत्ति दी गयी. सीएम ने कहा कि वर्ष 2017-18 में 1,648 करोड़ छात्रवृत्ति दी जाती थी और आज 2025-26 में स्कॉलरशिप दोगुनी हो चुकी है।
छात्रवृत्ति पिछड़े वर्ग के छात्रों को उपलब्ध करायी जा रही है
आज 3,124 करोड़ 45 लाख रुपये छात्रवृत्ति पिछड़े वर्ग के छात्रों को उपलब्ध करायी जा रही है. सरकार द्वारा लगातार राशि में वृद्धि करते हुए छात्रों को योजना से जोड़ा जा रहा है. सरकार द्वारा छात्रवृत्ति को तकनीक से बेहतर करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से वेरिफिकेशन की कार्रवाई को आगे बढ़ाना, डीबीटी के माध्यम से छात्रों के अकाउंट में पैसा भेजने की कार्रवाई की जा रही है ताकि बीच में किसी का भी हस्तक्षेप न हो।
हर छात्र को स्कॉलरशिप देने के लिए वन नेशन वन स्कॉलरशिप
सीएम CM Yogi ने कहा कि हमारे देश ने ही शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया. आरटीई के तहत हर छात्र स्कूली शिक्षा प्राप्त कर सके, इसे अनिवार्य किया गया है. वहीं हर छात्र स्नातक तक शिक्षा फ्री में प्राप्त हो सके, इसके लिए अनेक स्कीम तैयार की गई और राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनायी गयी है।
इसके अलावा हर छात्र को छात्रवृत्ति प्राप्त हो सके, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वन नेशन वन स्कॉलरशिप’ की व्यवस्था लागू की है. इसी को ध्यान में रखते हुए अकेले केवल वर्ष 2025-26 में वंचित वर्ग को 2,825 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित की गयी है।
वर्ष 2017 से 2025 तक 2 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त कर चुके हैं
वर्ष 2017 से 2025 तक 2 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त कर चुके हैं. छात्रों को देखेंगे तो 2 करोड़ 7 लाख 53,457 छात्र-छात्राओं को पिछड़े वर्ग के 13,535 करोड़ से अधिक की राशि 2017-18 से 2024-25 के बीच में वितरित हुई है।
यानी सरकार इस मामले में लगातार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और उस कार्यक्रम के साथ हर छात्र-छात्रा को जोड़ने का कार्य कर रही है. सरकार ने 2016-17 में पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण की व्यवस्था के संचालन के लिए 11 करोड़ से बढ़ाकर 35 करोड़ किया.
इसी के साथ छात्रावासों के अनुदान के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है. सीएम ने कहा कि पहले कस्तूरबा गांधी विद्यालय आठवीं तक चलते थे, अब 12वीं तक संचालित हो रहे हैं।
छात्रवृत्ति क्यों दी जाती है?
छात्रवृत्ति एक वित्तीय पुरस्कार है जो छात्रों को शैक्षणिक उत्कृष्टता, प्रतिभा या आवश्यकता जैसे कुछ कारकों के आधार पर दिया जाता है। इसका उद्देश्य शिक्षा संबंधी खर्चों को पूरा करना है, जो सीधे तौर पर ट्यूशन, किताबों और रहने के खर्च से संबंधित होते हैं।
कितने रुपए मिलते हैं छात्रवृत्ति में ?
छात्रवृत्ति की राशि छात्रवृत्ति योजना, शिक्षा के स्तर (कक्षा/पाठ्यक्रम), और प्राप्त अंकों पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए, केंद्रीय क्षेत्र छात्रवृत्ति में स्नातक के पहले तीन वर्षों के लिए ₹12,000 प्रति वर्ष और स्नातकोत्तर के लिए ₹20,000 प्रति वर्ष मिल सकते हैं. बिहार में, कुछ योजनाओं में छात्रों को₹10,000 प्रति माह तक मिल सकते हैं।
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