नई दिल्ली । संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा (CSE) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब आयोग प्रीलिम्स परीक्षा के तुरंत बाद प्रोविजनल आंसर की जारी करेगा। इससे अभ्यर्थियों को पारदर्शिता का लाभ मिलेगा और वे अपने जवाबों पर आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। अभी तक UPSC फाइनल रिजल्ट आने के बाद ही आंसर की सार्वजनिक करता था।
UPSC का बड़ा बदलाव
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में UPSC ने कहा है कि अब परीक्षा के तुरंत बाद आंसर की जारी होगी। हालांकि, फाइनल आंसर की रिजल्ट घोषित होने के बाद ही जारी की जाएगी।
छात्रों को क्या होगा फायदा?
इस फैसले से लंबे समय से चली आ रही छात्रों की मांग पूरी हो गई है। पहले उन्हें महीनों तक इंतज़ार करना पड़ता था और यह तय नहीं कर पाते थे कि मुख्य परीक्षा की तैयारी पर ध्यान दें या अगले साल की प्रीलिम्स की। अब उन्हें तुरंत स्थिति साफ हो जाएगी और रणनीति बनाने में आसानी होगी।
UPSC चेयरमैन से भी उठी थी मांग
हाल ही में UPSC चेयरमैन अजय कुमार ने आयोग का पहला (Town Hall Session) आयोजित किया था। इसमें छात्रों ने आंसर की देर से जारी होने पर सवाल उठाए थे। अब UPSC ने उनके सुझावों पर अमल कर लिया है।
देश का सबसे कठिन एग्जाम
गौरतलब है कि UPSC हर साल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है, जिसे देश का सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। IAS, IPS, IFS, IRS जैसे प्रतिष्ठित कैडरों में नियुक्ति इसी परीक्षा से होती है। यह परीक्षा तीन चरणों—प्रीलिम्स, मेन और इंटरव्यू—में आयोजित होती है।
UPSC में कुल कितने विषय होते हैं?
यूपीएससी परीक्षा में विषयों की संख्या अनिवार्य और वैकल्पिक विषयों पर निर्भर करती है; इसमें सामान्य अध्ययन, निबंध, और दो भाषा के प्रश्नपत्र जैसे अनिवार्य विषय होते हैं, और उम्मीदवार अपनी पसंद के अनुसार 48 उपलब्ध वैकल्पिक विषयों में से दो विषय चुनते हैं।
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