इस साल 43,000 महंगा हुआ पीली धातु
नई दिल्ली: सोने(Gold) और चांदी की कीमतों ने आज, 6 अक्टूबर को एक नया ऑलटाइम हाई छू लिया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹1,19,059 पर पहुँच गया, जो पिछले दिन से ₹2,105 अधिक है। वहीं, चांदी की कीमत भी ₹2,940 की उछाल के साथ ₹1,48,550 प्रति किलो हो गई। यह तेजी इस साल लगातार जारी रही है, जहाँ 31 दिसंबर 2024 के मुकाबले अब तक सोने के दाम में करीब ₹43,000 और चांदी के दाम में ₹62,000 से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।
सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी के 5 प्रमुख कारण
केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीददारी और डॉलर पर घटती निर्भरता
सोने(Gold) की कीमतों में उछाल का एक बड़ा कारण दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों(Central Banks) द्वारा इसकी लगातार खरीददारी है। ये बैंक अपने खजाने में डॉलर पर निर्भरता कम करने और सोने का हिस्सा बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। जब बड़े संस्थान लगातार सोना खरीदते हैं, तो बाजार में इसकी मांग स्थायी रूप से उच्च बनी रहती है, जिससे इसकी कीमतों में वृद्धि होती है। यह ट्रेंड डीडॉलराइजेशन की ओर बढ़ते वैश्विक आर्थिक मॉडल का भी संकेत देता है।
वैश्विक नीतिगत अनिश्चितता और सुरक्षित निवेश की तलाश
वैश्विक स्तर पर नीतिगत अनिश्चितता, खासकर “ट्रम्प फैक्टर” और अमेरिका के फेडरल रिजर्व की नीतियों पर संभावित दखल की आशंका, डॉलर और बॉन्ड बाजार को कमजोर कर रही है। ऐसी अनिश्चितताओं के बीच, निवेशक हमेशा एक सुरक्षित निवेश (Safe Haven) विकल्प की तलाश करते हैं, और सदियों से सोने को सबसे सुरक्षित माना जाता रहा है। इस कारण से, बड़ा पूंजी प्रवाह सोने की ओर मुड़ रहा है, जिससे इसकी कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच रही हैं।
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क्रिप्टो और शेयर बाजार से पूंजी का पलायन
हाल के दिनों में क्रिप्टोकरेंसी में अत्यधिक उतार-चढ़ाव और सख्त नियामक (Regulatory) नियमों के डर से कई निवेशक अपना पैसा क्रिप्टो से निकाल रहे हैं। साथ ही, भारतीय शेयर बाजार से उम्मीद से कम रिटर्न मिलने के कारण भी निवेशक सोने को एक आकर्षक एसेट मानकर उसमें निवेश कर रहे हैं। सोने की लॉन्ग-टर्म एसेट के रूप में विश्वसनीयता (यह नष्ट नहीं होता, सीमित है और महंगाई में मूल्य बचाता है) भी इसकी मांग को बढ़ाती है, जिससे कीमतें 1.55 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम तक जाने की भविष्यवाणियाँ हो रही हैं।
सोने और चांदी की कीमतों में इस साल कितनी वृद्धि हुई है?
31 दिसंबर 2024 से लेकर 6 अक्टूबर 2025 तक, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने(Gold) की कीमत में लगभग ₹43,000 की वृद्धि हुई है, जबकि एक किलो चांदी के भाव में ₹62,000 से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
सोने की कीमतों में तेजी के लिए ‘ट्रम्प फैक्टर’ कैसे जिम्मेदार है?
अमेरिका की नीतिगत अनिश्चितता को “ट्रम्प फैक्टर” कहा जाता है, जिसमें फेडरल रिजर्व पर राजनीतिक दखल की बातें शामिल हैं। इस तरह की अनिश्चितता डॉलर और बॉन्ड बाजार को कमजोर करती है। जब पारंपरिक निवेश अस्थिर होते हैं, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख करते हैं, जिससे सोने की मांग और उसकी कीमत में तेजी आती है।
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