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Latest Hindi News : बिहार चुनाव 2025 : नेताओं की उड़ान से पटना एयरपोर्ट पर चुनावी हलचल तेज

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Latest Hindi News : बिहार चुनाव 2025 : नेताओं की उड़ान से पटना एयरपोर्ट पर चुनावी हलचल तेज

बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों की रफ्तार अब हवा में भी दिखने लगी है। पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) इन दिनों चुनावी हब में तब्दील हो गया है, जहां से रोजाना 15 से 17 निजी हेलीकॉप्टर उड़ान भरने की तैयारी में हैं। राज्यभर में रैलियां करने के लिए नेताओं ने हेलीकॉप्टर (Helicopter) और चार्टर्ड विमानों की बुकिंग शुरू कर दी है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने टेक ऑफ से लेकर पार्किंग तक की पूरी व्यवस्था ‘इलेक्शन मोड’ में डाल दी है।

पटना के आसमान में शुरू हुई ‘हवाई जंग’

राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों की सूची भले अभी न जारी की हो, लेकिन प्रचार का ‘हवाई नेटवर्क’ (Air Network) पूरी तरह तैयार है। 13 अक्टूबर से शुरू हो रहे प्रचार अभियान के लिए सभी बड़ी पार्टियों ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को पार्किंग और उड़ान की डिमांड भेज दी है। हर दिन औसतन 15 से 17 हेलीकॉप्टर अलग-अलग जिलों के लिए उड़ान भरेंगे। एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक, टेक ऑफ और लैंडिंग की प्रक्रिया अब सुगम कर दी गई है। सबसे बड़ी चुनौती हेलीकॉप्टरों की पार्किंग को लेकर थी, जिसे इस बार व्यवस्थित कर लिया गया है।

बीजेपी सबसे आगे, कांग्रेस और आरजेडी बराबरी पर

अब तक मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा ने छह हेलीकॉप्टर अपने प्रचार अभियान के लिए तैयार कर लिए हैं। कांग्रेस और जेडीयू के पास दो-दो हेलीकॉप्टर हैं, जबकि आरजेडी ने भी दो हेलीकॉप्टर मैदान में उतारे हैं। एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में हेलीकॉप्टरों की आवाजाही अपने चरम पर होगी।

दो से ढाई लाख रुपये प्रति घंटे का ‘हवाई खर्च’

हेलीकॉप्टर से रैली तक पहुंचना किसी भी पार्टी के लिए सस्ता सौदा नहीं है। प्रचार के लिए इस्तेमाल होने वाले प्राइवेट हेलीकॉप्टर पर प्रति घंटे दो से ढाई लाख रुपये तक का खर्च आता है, जिसमें जीएसटी भी शामिल है।
एजेंसियों के मुताबिक, हर पार्टी को न्यूनतम तीन घंटे की उड़ान का भुगतान करना होता है। अगर बुकिंग आखिरी समय में की जाए तो ‘फ्लेक्सी फेयर’ के तहत अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।

एयरपोर्ट पर ‘इलेक्शन मोड’ एक्टिव

पटना एयरपोर्ट प्रबंधन ने चुनावी भीड़ को देखते हुए विशेष इंतजाम किए हैं। एटीसी और ग्राउंड स्टाफ की ड्यूटी तय कर दी गई है ताकि एक साथ कई हेलीकॉप्टरों के उड़ान भरने और उतरने में दिक्कत न हो।
रैलियों का शेड्यूल अक्सर अंतिम क्षणों में तय होता है, इसलिए एयरपोर्ट टीम को रियल टाइम पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

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