आवेदन से पहले रखें ध्यान
नई दिल्ली: पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले, यह जानना बहुत ज़रूरी है कि बैंक(Bank) किन महत्वपूर्ण पहलुओं की जाँच करते हैं। बैंक मुख्य रूप से आपकी आय और नौकरी की स्थिरता (Job Stability) को देखते हैं। यदि आपकी मासिक आय अच्छी है और आप एक ही कंपनी में 2 साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं, तो यह एक बड़ा प्लस पॉइंट होता है। स्थिर नौकरी वाले व्यक्ति को बैंक कम जोखिम भरा मानते हैं। स्वयं-नियोजित व्यक्तियों को अपने व्यवसाय के प्रमाण और टैक्स रिटर्न (Tax Returns) दिखाने की आवश्यकता होती है। अच्छी सैलरी और लंबे समय तक एक ही जगह काम करने की आदत से लोन मिलने की संभावनाएँ काफी बढ़ जाती हैं, जबकि बार-बार नौकरी बदलने वालों को मुश्किल हो सकती है।
क्रेडिट स्कोर और मौजूदा कर्ज का बोझ
किसी भी लोन के लिए आपका क्रेडिट स्कोर एक “गेटकीपर” की तरह काम करता है। 750 या उससे अधिक का स्कोर यह दर्शाता है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता हैं और आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। 600 से कम स्कोर होने पर लोन पास होने में गंभीर दिक्कतें आती हैं, क्योंकि बैंक इसे एक उच्च जोखिम (High Risk) मानते हैं। इसके साथ ही, बैंक(Bank) आपके मौजूदा कर्ज और मासिक EMI लोड की भी जाँच करते हैं। यदि आपकी मासिक आय का 40−50% से अधिक हिस्सा पहले से ही EMI में जा रहा है, तो बैंक नया लोन देने से मना कर सकता है। बैंक यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप बिना किसी परेशानी के नया लोन चुका सकेंगे।
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उम्र और कंपनी की प्रोफाइल का महत्व
लोन देने का निर्णय लेने में आपकी उम्र और चुकाने की क्षमता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बैंक(Bank) आमतौर पर 21 से 60 वर्ष के लोगों को लोन देते हैं। युवा आवेदकों को उनकी लंबी कामकाजी अवधि के कारण अक्सर अधिक अवधि के लिए लोन मिल जाता है। दूसरी ओर, रिटायरमेंट के करीब के लोगों को कम अवधि का लोन दिया जाता है। इसके अलावा, आपकी कंपनी की प्रोफाइल भी मायने रखती है। किसी बड़ी, नामी, या प्रतिष्ठित कंपनी के कर्मचारी होने से आपका आवेदन तेज़ी से मंज़ूर हो सकता है। डॉक्टर या इंजीनियर जैसी पेशेवर डिग्रियाँ रखने वाले उम्मीदवारों को भी बैंक प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि उनकी आय की स्थिरता अधिक मानी जाती है।
पर्सनल लोन के लिए एक अच्छा क्रेडिट स्कोर कितना माना जाता है?
पर्सनल लोन के लिए 750 या उससे ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है। इस स्कोर के साथ, आपको कम ब्याज दरों पर लोन मिलने और आवेदन जल्दी मंज़ूर होने की संभावना बढ़ जाती है।
बैंक लोन देने से पहले डेब्ट-टू-इनकम रेशियो क्यों चेक करते हैं?
बैंक(Bank) यह सुनिश्चित करने के लिए डेब्ट-टू-इनकम रेशियो चेक करते हैं कि आपकी मासिक आय का कितना हिस्सा पहले से ही कर्ज की EMI में जा रहा है। यदि यह अनुपात 40−50% से अधिक होता है, तो बैंक को यह जोखिम लगता है कि आप नए लोन की EMI चुकाने में असमर्थ हो सकते हैं, इसलिए आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है।
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