नई दिल्ली,। भारत का आईटी सेक्टर (IT Sector) मुश्किल दौर से गुजर रहा है। 2025 के आखिर तक करीब 50 हजार कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि ये छंटनियां खुलकर नहीं, बल्कि ‘साइलेंट लेऑफ’ (Silent Lay Off) के रूप में की जा रही हैं। आईटी कंपनियां अब कर्मचारियों को सीधे निकालने के बजाय ‘परफॉर्मेंस’ या ‘रोल एडजस्टमेंट’ के नाम पर उन्हें हटा रही हैं।
‘साइलेंट लेऑफ’ का नया ट्रेंड
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल जहां 25 हजार लोगों की नौकरी गई थी, वहीं इस साल यह संख्या दोगुनी हो सकती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का है, जिसने जुलाई में अपने कुल स्टाफ का 2 फीसदी यानी करीब 12 हजार लोगों को हटाने की योजना बनाई। इसी तरह एक अन्य प्रमुख कंपनी ने 11 हजार कर्मचारियों को निकालते हुए 865 मिलियन डॉलर का खर्च-कटौती कार्यक्रम शुरू किया है।
एआई टूल्स बने छंटनी की बड़ी वजह
आईटी सेक्टर की इस मंदी के पीछे सबसे बड़ा कारण है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का तेजी से बढ़ता इस्तेमाल। अब पहले जो काम सैकड़ों इंजीनियर करते थे, वो एआई टूल्स कुछ मिनटों में पूरा कर देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियां अब एआई-सक्षम सिस्टम्स पर ज्यादा निर्भर हैं, जिससे पुराने स्किल वाले कर्मचारी अनावश्यक हो गए हैं।
‘स्किल गैप’ बना सबसे बड़ी चुनौती
कई कर्मचारियों के पास अब वे कौशल नहीं हैं जिनकी मांग नए जमाने के प्रोजेक्ट्स में है। आने वाले साल में यह संख्या 60 हजार तक पहुंच सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौर लंबा चल सकता है क्योंकि कंपनियां अब कम लोगों में ज्यादा काम करवाने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
नई स्किल्स सीखने वालों के लिए अवसर
पुराने मॉडल, जहां बड़ी संख्या में फ्रेशर्स रखे जाते थे, अब अप्रासंगिक हो चुके हैं। हालांकि विश्लेषक कहते हैं कि यह संकट नई स्किल्स सीखने वालों के लिए एक अवसर भी है। क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सिक्योरिटी जैसी फील्ड्स में नौकरी की संभावना अब भी बनी हुई है।
AI का मालिक कौन है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी हैं। जॉन मैकार्थी (4 सितंबर, 1927 – 24 अक्टूबर, 2011) एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और संज्ञानात्मक वैज्ञानिक थे। मैकार्थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अध्ययन विषय के संस्थापकों में से एक थे।
AI के पिता कौन थे?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जनक जॉन मैक्कार्थी हैं। उन्हें अक्सर “एआई का जनक” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” शब्द गढ़ा और इस क्षेत्र को एक औपचारिक अनुशासन के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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