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Latest Hindi News : छाछ पीने से सेहत को मिलते हैं कई बेहतरीन फायदे

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Latest Hindi News : छाछ पीने से सेहत को मिलते हैं कई बेहतरीन फायदे

नई दिल्ली । पाचन को बेहतर बनाने और शरीर को ठंडक देने के लिए लोग दही या छाछ का सेवन करते हैं। दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया पेट को ठंडा रखने और पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करते हैं। यही वजह है कि गर्मी और बरसात के मौसम में छाछ कई घरों की रोजमर्रा की डाइट का अहम हिस्सा बन जाती है।

पोषक तत्वों से भरपूर है छाछ

छाछ में कई जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स (Vitamins and Minerals) पाए जाते हैं — जिनमें कैल्शियम (Calcium) पोटैशियम और फॉस्फोरस प्रमुख हैं। ये तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं और पाचन क्रिया को संतुलित रखते हैं। छाछ का सेवन वजन नियंत्रित रखने, पेट की जलन और अपच जैसी समस्याओं से राहत देने में भी फायदेमंद माना जाता है।

हर किसी के लिए नहीं है लाभकारी

हालांकि, छाछ हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद नहीं होती। कुछ लोगों को इसके सेवन से लाभ की जगह नुकसान भी हो सकता है। खासकर जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलेरेंस (Lactose Intolerance) की समस्या होती है, उनके लिए छाछ पीना नुकसानदायक साबित हो सकता है।

लैक्टोज इनटॉलेरेंस वालों के लिए हानिकारक

चूंकि छाछ दूध से तैयार की जाती है, इसलिए इसमें लैक्टोज पाया जाता है। ऐसे लोग दूध या दूध से बनी चीजें पचाने में असमर्थ होते हैं, जिससे छाछ पीने के बाद पेट दर्द, गैस या डायरिया जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

त्वचा रोगियों को भी परहेज जरूरी

जिन लोगों को एक्जिमा या त्वचा संबंधी एलर्जी की समस्या है, उन्हें भी छाछ से दूरी बनानी चाहिए।
छाछ में मौजूद एसिडिक तत्व त्वचा की खुजली, लालपन और जलन को बढ़ा सकते हैं।

सर्दी-जुकाम और बुखार में नुकसानदायक

अगर किसी को बुखार, सर्दी, खांसी या गले में खराश की समस्या है, तो छाछ पीना हानिकारक हो सकता है।
इसकी तासीर ठंडी होती है, जिससे बीमारी बढ़ने की संभावना रहती है।
डॉक्टर ऐसे समय में ठंडी चीजों से परहेज करने की सलाह देते हैं।

किडनी और दिल के मरीज रखें सावधानी

किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों को भी छाछ से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद पोटैशियम और फॉस्फोरस किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं। इसी तरह दिल के मरीजों को भी छाछ सीमित मात्रा में या न पीने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाकर हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है।

संतुलित मात्रा में सेवन ही बेहतर

छाछ गर्मी और बरसात में शरीर को ठंडक देने वाला पेय है, लेकिन इसका सेवन संतुलित मात्रा में और स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। याद रखें — सही मात्रा में छाछ अमृत समान है, लेकिन गलती से लिया गया सेवन नुकसानदेह भी हो सकता है

छाछ पीने से कौन सी बीमारी दूर होती है?

छाछ कई पाचन संबंधी समस्याओं जैसे एसिडिटी, गैस और कब्ज को ठीक करने में मदद करती है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी फायदेमंद है। 

मट्ठा और छाछ में क्या अंतर है?

मट्ठा और छाछ एक ही हैं, और अलग-अलग जगहों पर इन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। दोनों ही दही को मथकर या दूध से मक्खन निकालने के बाद बचा हुआ तरल पदार्थ हैं। कुछ लोग मानते हैं कि मट्ठा पके दूध से बनता है जबकि छाछ कच्चे दूध से, लेकिन आमतौर पर ये दोनों एक ही चीज़ को दर्शाते हैं। 

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