40 से अधिक यात्री घायल
Sleeper bus accident: दिल्ली से वाराणसी जा रही एक निजी स्लीपर बस बुधवार देर रात आगरा एक्सप्रेसवे से नीचे उतरकर पलट गई। माना जा रहा है कि बस की गति बहुत तेज थी।
दिल्ली से वाराणसी जा रही एक प्राइवेट एसी स्लीपर (Sleeper Bus) बुधवार देर रात आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसा रात करीब 2:30 बजे उन्नाव जिले के मटरिया हसनगंज इलाके में हुआ. बस की रफ्तार ज्यादा होने और घने कोहरे की वजह से दुर्घटना की आशंका जताई जा रही है. बस में सवार 40 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल उन्नाव और लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
यह बिहार रजिस्ट्रेशन वाली निजी स्लीपर कोच थी. बस का नंबर बीआर 28 पी 9488 था. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम 6 बजे दिल्ली से रवाना हुई थी और (Varanasi) वाराणसी की ओर जा रही थी. हादसे के समय अधिकतर यात्री गहरी नींद में थे, जिससे किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला. बस एक्सप्रेसवे से नीचे उतरकर पलट गई. एक्सीडेंट होते ही यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
बस अचानक अनियंत्रित हो गई
घायलों में कानपुर के रहने वाले विजय प्रकाश तिवारी और उनकी पत्नी उषा तिवारी भी शामिल हैं. विजय प्रकाश ने अस्पताल से फोन पर बताया, ‘हमारा परिवार पांच सदस्यों का था और लखनऊ तक जाना था. रात 1:45 बजे बस आगरा से आगे बढ़ चुकी थी. एक टोल प्लाजा पार करने के बाद करीब 5 किलोमीटर आगे अचानक बस अनियंत्रित हो गई. हम सो रहे थे, पता ही नहीं चला. जोरदार झटके के साथ बस पलट गई. चारों तरफ चीखें गूंजने लगीं।’
विजय प्रकाश ने आगे कहा, ‘बस की स्पीड काफी तेज थी. कोहरा भी घना था, शायद इसी वजह से ड्राइवर कंट्रोल नहीं कर पाया. हादसे के बाद ग्रामीणों ने शोर सुनकर मदद की और कंट्रोल रूम को सूचना दी. अंधेरा और कोहरा होने से राहत टीम भी देर से पहुंची।’
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यूपी कंट्रोल रूम को सूचना मिलते ही देर रात एंबुलेंस, पुलिस और राहत दल को मौके पर रवाना किया गया. घायलों को निकालकर उन्नाव जिला अस्पताल और लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर भेजा गया. प्रारंभिक जांच में ओवरस्पीडिंग और धुंध को मुख्य कारण माना जा रहा है. पुलिस ने बस ड्राइवर के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।
हादसे में बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई
स्थानीय प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, ‘हादसे में बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. सभी घायलों का इलाज चल रहा है. कुछ की हालत गंभीर है, लेकिन खतरे से बाहर हैं. एक्सप्रेसवे पर कोहरे के मौसम में स्पीड लिमिट का पालन जरूरी है।’
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पिछले कुछ महीनों में कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें ज्यादातर ओवरस्पीडिंग और मौसमी कोहरे को जिम्मेदार ठहराया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि नाइट जर्नी में ड्राइवरों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. परिवहन विभाग ने बस ऑपरेटरों को स्पीड गवर्नर और फॉग लाइट्स अनिवार्य करने की चेतावनी दी है।
स्लीपर में कितने लोग सो सकते हैं?मानक स्लीपर बसें ( 32-44 सीटें )
इन बसों में तीन पंक्तियों में डबल-डेकर बंक होते हैं, बिल्कुल किसी मोबाइल डॉर्म की तरह। हर बिस्तर पर आमतौर पर पर्दे, एयर कंडीशनिंग और बोतलबंद पानी की व्यवस्था होती है। हालाँकि, जगह कम पड़ सकती है—खासकर अगर आपकी लंबाई 1.8 मीटर से ज़्यादा है।
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