आतंकियों से क्या-क्या मिला
- कारतूस की तीन मैगजीन, आठ बड़े और तीन छोटे सूटकेसों से ये विस्फोटक मिला
- एक असॉल्ट रायफल मिली है, ये एके-47 नहीं है
- 350 किलो से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया
- 15 दिनों से चल रहा था हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का ये ऑपरेशन
- 20 टाइमर, बैटरी और अन्य उपकरण बरामद किए गए
12 सूटकेस में 360 KG विस्फोटक बरामद
हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में (Faridabad) फरीदाबाद से भारी मात्रा में आईईडी बनाने की सामग्री और गोला-बारूद की बरामदगी के संबंध में एक डॉक्टर और एक मुस्लिम धर्मगुरु को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा की जा रही जांच के दौरान हुई है।
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता (Kumar Gupta) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह एक संयुक्त ऑपरेशन है जो हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच चल रहा है। इस ऑपरेशन के तहत, एक आरोपी डॉ. मुजम्मिल को पकड़ा गया है। कल, लगभग 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया है। यह आरडीएक्स नहीं है।
बरामद की गई सामग्री में एक असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन और 83 जिंदा कारतूस, एक पिस्टल, आठ जिंदा कारतूस, दो खाली मैगजीन, आठ बड़े और चार छोटे सूटकेस, और एक बाल्टी शामिल है, जिसमें से लगभग 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुई है।
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इसके अलावा, 20 टाइमर बैटरियां, 24 रिमोट, लगभग 5 किलोग्राम भारी धातु, वॉकी-टॉकी सेट, इलेक्ट्रिक तार, बैटरियां और अन्य संदिग्ध सामग्री भी जब्त की गई है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह आरडीएक्स नहीं है, बल्कि अमोनियम नाइट्रेट है। बरामद की गई राइफल AK-47 जैसी है, लेकिन उससे थोड़ी छोटी है।
गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों में एक डॉक्टर और एक मुस्लिम इमाम शामिल हैं
गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों में एक डॉक्टर और एक मुस्लिम इमाम शामिल हैं। इमाम की पत्नी ने बताया कि उनके पति को पुलिस ले गई है। जो पिछले 20 साल से मस्जिद में सेवा दे रहे थे। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्हें क्यों ले जाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टर साहब (मुज्जमिल) हर दिन पांच बार नमाज पढ़ने आते थे और वह कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं।
आतंकी कौन होते हैं?
अगर कोई व्यक्ति या कोई संगठन अपने आर्थिक, राजनीतिक एवं विचारात्मक लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति के लिए देश या देश के नागरिकों की सुरक्षा को निशाना बनाए, तो उसे आतंकवाद कहते हैं । गैर-राज्यकारकों (अंग्रेजी: Non-state actors) द्वारा किये गए राजनीतिक एवं वैचारिक हिंसा भी आतंकवाद की ही श्रेणी में आती है।
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