తెలుగు | Epaper

Breaking News: Digital: लागू हुआ डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट

Dhanarekha
Dhanarekha
Breaking News: Digital: लागू हुआ डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट

आपके अधिकार और कंपनियों की जवाबदेही

नई दिल्ली: भारत सरकार ने डिजिटल(Digital) पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट 2023 के नियमों को 14 नवंबर को नोटिफाई करके इसे पूरी तरह लागू कर दिया है। यह एक्ट डिजिटल इकोनॉमी(Digital Economy) को बढ़ावा देने के साथ-साथ आम नागरिकों की निजता (प्राइवेसी) को मजबूत करता है। इस कानून में बच्चों (माइनर्स) और दिव्यांगों के डेटा सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।

बच्चों के लिए सहमति: किसी भी रूप में बच्चों के डिजिटल डेटा का उपयोग करने के लिए उनके माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी। केवल हेल्थकेयर, एजुकेशन या रियल-टाइम सुरक्षा(Real-time security) जैसे जरूरी मामलों में ही कुछ छूट मिलेगी।

दिव्यांगों के लिए सहमति: जो दिव्यांग व्यक्ति कानूनी निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए उनके कानूनी गार्जियन से सहमति (कंसेंट) लेना आवश्यक होगा

DPDP एक्ट की 5 सबसे महत्वपूर्ण बातें

यह नया कानून डेटा का उपयोग करने वाली कंपनियों (डेटा फिड्यूशरी) की जिम्मेदारियां तय करता है और नागरिकों को सशक्त बनाता है:

सहमति और स्पष्टीकरण (Consent and Transparency): कोई भी कंपनी या ऐप आपका पर्सनल डेटा लेने से पहले साफ-साफ बताएगी कि वे डेटा क्यों ले रहे हैं और उसका क्या उपयोग होगा। आपकी इजाजत के बिना डेटा कलेक्ट नहीं किया जा सकता, और आपके पास डेटा शेयर न करने का अधिकार है।

डेटा कंट्रोल का अधिकार (Right to Control Data): नागरिक कभी भी अपनी जानकारी को देख सकते हैं, गलतियां सुधार सकते हैं, अपडेट कर सकते हैं या पूरा डेटा डिलीट(Digital) करवा सकते हैं। कंपनियों को इन अनुरोधों पर अधिकतम 90 दिनों के भीतर जवाब देना होगा।

ब्रीच पर तत्काल सूचना (Mandatory Breach Notification): अगर आपका डेटा चोरी (लीक/ब्रेक) होता है, तो कंपनी को तुरंत, घंटों के भीतर, आपको आसान भाषा में यह बताना होगा कि क्या हुआ है, इसका क्या असर हो सकता है और उन्होंने क्या कदम उठाए हैं।

डेटा ब्रेक और शिकायत निवारण प्रक्रिया

DPDP एक्ट डेटा लीक होने की स्थिति में कंपनियों पर कड़ी जवाबदेही डालता है और शिकायतों के लिए एक सरल और डिजिटल प्रक्रिया स्थापित करता है।

डेटा ब्रेक की जानकारी: डेटा फिड्यूशरी को डेटा लीक होने पर प्रभावित लोगों को तुरंत और सरल भाषा में ब्रेक की प्रकृति, उसके संभावित प्रभाव और उठाए गए कदमों के बारे में सूचित करना होगा।

अन्य पढ़े: Breaking News: Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस होगा अब और सस्ता

डिजिटल शिकायत बोर्ड: किसी भी समस्या या अधिकारों के उल्लंघन की शिकायत करने के लिए एक डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड स्थापित किया गया है। यहाँ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या मोबाइल ऐप के माध्यम से मुफ्त में शिकायत दर्ज की जा सकती है और उसे ट्रैक करना आसान होगा। अगर कोई व्यक्ति बोर्ड के निर्णय से संतुष्ट नहीं होता, तो वह TDSAT कोर्ट में अपील कर सकता है।

DPDP एक्ट के तहत, अगर कोई कंपनी आपके व्यक्तिगत डेटा का गलत उपयोग करती है, तो आप शिकायत कहाँ दर्ज कर सकते हैं?

DPDP एक्ट के तहत, अगर आपका डेटा अधिकारों का उल्लंघन होता है या कंपनी गलत उपयोग करती है, तो आप डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह शिकायत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या मोबाइल ऐप के माध्यम से मुफ्त में फाइल और ट्रैक की जा सकती है।

डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुसार, डेटा फिड्यूशरी को डेटा एक्सेस या डिलीट करने के अनुरोध पर अधिकतम कितने दिनों में प्रतिक्रिया देनी होगी?

इस एक्ट के अनुसार, लोगों को डेटा एक्सेस करने, करेक्ट करने, अपडेट करने या डिलीट (इरेज) करने का अधिकार मिला है। कंपनी(Digital) को इन सभी प्रकार के अनुरोधों पर अधिकतम 90 दिनों के भीतर प्रतिक्रिया (रिस्पॉन्स) देनी होगी।

अन्य पढ़े:

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870