रिकॉर्ड दाम के बावजूद खरीदी में तेजी
नई दिल्ली: भारत(India) में अक्टूबर के व्यापार आंकड़ों ने चौंकाने वाला रुझान दिखाया है। अमेरिकी(American) टैरिफ और कमजोर वैश्विक मांग के बीच जहां निर्यात 11.8% घटकर 34.38 बिलियन डॉलर रहा, वहीं आयात 16.63% बढ़कर 76.06 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। सबसे बड़ा झटका यह रहा कि सोने(Gold) और चांदी के इंपोर्ट में अभूतपूर्व तेजी देखी गई और इसके कारण व्यापार घाटा 41.68 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया।
सोना–चांदी आयात में तेज बढ़ोतरी
अक्टूबर में सोने(Gold) का आयात 200% बढ़कर 14.72 बिलियन डॉलर रहा, जिसने कुल आयात को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया। इसके साथ ही 2.71 बिलियन डॉलर की चांदी खरीदी गई, जो बीते वर्ष की तुलना में 528.71% अधिक है। इन धातुओं की ऊंची कीमतों के बावजूद भारत में मांग लगातार मजबूत बनी हुई है।
वहीं अमेरिका को निर्यात 6.9 बिलियन डॉलर से घटकर 6.31 बिलियन डॉलर पर आ गया, हालांकि यह सितंबर के 5.47 बिलियन डॉलर से अधिक रहा। कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने बताया कि अप्रैल–अक्टूबर अवधि में कुल निर्यात 52.12 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है।
वैश्विक मंदी का असर गहराया
FIEO के प्रेसिडेंट एस.सी. रल्हन ने कहा कि कई देशों में मांग कमजोर है, जिससे भारतीय निर्यातकों पर दबाव बढ़ रहा है। कीमतों के उतार–चढ़ाव और अनिश्चितता के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता नहीं बन पा रही है।
उन्होंने सुझाव दिया कि निर्यातकों को लाभ देने वाली तमाम योजनाओं के फ़ायदे समय पर जारी किए जाएं ताकि वे प्रतिस्पर्धा की क्षमता बनाए रख सकें। उनसे अपेक्षा है कि सरकार सपोर्टिव कदमों को और मजबूत करेगी।
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आयात नीतियों में बदलाव की तैयारी
सरकार ने कुछ खास तरह की प्लैटिनम जूलरी के आयात पर अगले वर्ष अप्रैल तक रोक लगा दी है। इसका उद्देश्य मुक्त व्यापार समझौतों(FTA) के गलत इस्तेमाल को रोकना और घरेलू उद्योग को सुरक्षा प्रदान करना है।
भारत में सोना आयात इतना क्यों बढ़ा?
भारत में त्योहारों और शादी–विवाहों के मौसम में सोने की मांग हमेशा अधिक रहती है। पिछले महीनों में दाम रिकॉर्ड स्तर पर होते हुए भी खरीदार सक्रिय रहे। साथ ही कई कारोबारी निवेशक गोल्ड को सुरक्षित संपत्ति मानकर बड़ी मात्रा में इंपोर्ट करवाते हैं।
चांदी के इंपोर्ट में अचानक बढ़ोतरी का क्या कारण है?
उद्योगों में सिल्वर की मांग तेजी से बढ़ी है, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर सेक्टर में। इसके अलावा घरेलू ज्वेलरी बाजार में भी चांदी की लोकप्रियता बढ़ी है। इन कारणों से अक्टूबर में चांदी के आयात में भारी उछाल दर्ज किया गया।
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